परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
यूक्रेन में रूस की बमबारी के बीच हजारों भारतीय छात्र यूक्रेन के विभिन्न शहरों में फंसे हैं और घर वापसी की जद्दोजहद में लगे हैं। कीव में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए यूक्रेन सरकार ने फ्री ट्रेन चलाने का फैसला लिया है। ये ट्रेनें यात्रियों को देश के पश्चिमी क्षेत्रों में ले जाएंगी, जहां युद्ध की स्थिति नहीं है। पोलैंड सरकार ने कहा है कि भारतीयों को बिना वीजा पोलैंड में एंट्री दी जाएगी।
इधर, कीव में इंडियन एम्बेसी से लगे स्कूल में शरण लिए स्टूडेंट्स भूख से बेहोश हो रहे हैं। 13 छात्रों की तबीयत बिगड़ी है। स्टूडेंट्स का आरोप- हमले वाले शहरों में स्टूडेंट्स को मदद नहीं मिली, जिन्हें रेस्क्यू किया वे सुरक्षित जगहों पर थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यूक्रेन से भारतीयों को निकालने में सहायता के लिए अलग से opGanga Helpline के नाम से एक डेडिकेटेड ट्विटर हैंडल (@opganga) बनाया गया है।
मध्यप्रदेश की छात्रा की रिपोर्ट
MP के टीकमगढ़ की दिव्यांशा साहू ने बताया- यूक्रेन के कीव और खार्किव में फंसे इंडियन स्टूडेंट काफी डरे हुए हैं। जान बचाने के लिए बंकर और अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन में छिपे हुए हैं। इंडियन एम्बेसी हमें हमले वाले इलाकों से सुरक्षित बाहर निकाले। अभी तक जिन स्टूडेंट्स को निकाला गया है वे सुरक्षित शहरों में रहते थे। रूस के हमले वाले शहरों में रह रहे स्टूडेंट्स तक मदद नहीं पहुंची है।ॉ
इंदौर का शुभम बोला प्लीज हेल्प कीजिए, 20 घंटे से खुले में बैठे हैं
इंदौर के शुभम ने बताया कि यहां रोमानिया बॉर्डर पर करीब 400 इंडियन स्टूडेंट्स बॉर्डर पार करने के लिए बैठे हैं। इंडियन एम्बेसी हमें बॉर्डर पार नहीं करवा रही है। हमें यहां खुले में बिना किसी सुरक्षा के बैठे हुए 20 घंटे से ज्यादा वक्त हो चुका है। यहां का तापमान -6 डिग्री है और इस बॉर्डर चेक पोस्ट पर सिर्फ एक फूड आउटलेट है, जहां खाना खत्म हो चुका है। हमें अर्जेंट हेल्प की जरुरत है। प्लीज हमारी मदद कीजिए।
आइए सुनते हैं इन मुसीबत में घिर गए भारत के भविष्य को –
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."