मनोज उनियाल की रिपोर्ट
मंडी। रूस के हमले के बाद यूक्रेन के विभिन्नि शहरों में फंसे भारतीयों व हिमाचलियों की वापसी शुरू हो गई है। शुक्रवार देर शाम यूक्रेन से 500 से अधिक छात्र-छात्राएं सड़क मार्ग से रोमानिया पहुंच गए हैं। इनमें 100 से अधिक हिमाचली छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं। रोमानिया पहुंचने के बाद इन सबने राहत की सांस ली है। यूक्रेन से निकाले गए इन सभी छात्र-छात्राओं में से लगभग सभी चिरन्वित्सी शहर में स्थापित बुकोवेनियन यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं हैं। इसी यूनिवर्सिटी में हिमाचल प्रदेश के साथ ही विभिन्न राज्यों से सबसे अधिक विद्यार्थी हैं। भारत सरकार के प्रयासों और बुकोवेनियन यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि डाक्टर सुनील शर्मा के प्रयासों से यह संभव हो सका है, जिसमें 100 से अधिक हिमाचली छात्र-छात्राएं व अन्य लोग बताएं जा रहे हैं, वह रोमानिया पहुंच गए हैं। रोमानिया पहुंचने के बाद इन सबको को अब भारत लाया जा रहा है। भारत सरकार के दो कारगो जहाज के जरिए इन्हें वतन वापस लाने की व्यवस्था की गई है।
बता दें कि यूक्रेन की राजधानी कीव के साथ ही इस समय पूर्व में रूस के बार्डर के साथ खारको व सूमी यूनिवर्सिटी के साथ बड़ी संख्या में हिमाचली छात्र फंसे हुए हैं। इस समय यूके्रन में 12 मेडिकल यूनिवर्सिटी चल रही हैं, जिसमें तीन ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जो कि पूर्व में रूस के बार्डर के बिलकुल समीप हैं। इन तीनों विश्वविद्यालयों में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से 200 के लगभग छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि इसके अलावा हिमाचल प्रदेश से 1300 से अधिक छात्र-छात्राएं यूक्रेन के अन्य विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें दक्षिण में स्थित वुकोवेनियन मेडिकल यूनिवर्सिटी में हिमाचल छात्र-छात्राओं की संख्या सबसे अधिक है। यहां 700 से अधिक हिमाचल छात्र-छात्राएं मौजूद हैं। इसके बाद यूक्रेन के पूर्व को छोड़ कर अन्य शहरों में 600 के लगभग छात्र-छात्राएं शिक्षा ले रहे हैं।
उधर, वुकोवेनियन यूनिवर्सिटी के साउथ ईस्ट एशिया के प्रतिनिधि डाक्टर सुनील शर्मा ने बताया कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लाने का प्रयास जारी है। 100 से अधिक हिमाचली छात्रों को शनिवार को रोमानिया के जरिए निकाला गया है।
खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी के 500 छात्र बंकर में शिफ्ट
हमीरपुर। रूस द्वारा गुरुवार सुबह यूके्रन पर किए गए हमले के बाद खारकीव शहर में भारत के 500 मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ हिमाचल के दर्जनों छात्र फंस गए हैं। इनमें हमीरपुर के भी कुछ युवक और युवतियां शामिल हैं। खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के इन छात्रों को गुरुवार को ही होस्टल से बंकर में शिफ्ट कर दिया है। यहां माइनस चार डिग्री टेंपरेचर में सभी बच्चे खुद को सुरक्षित रखे हुए हैं। बताते चलें कि जिला हमीरपुर से ताल्लुक रखने वाले 24 युवक और युवतियां यृूक्रेन में फंसी हुई हैं। जिला मुख्यालय हमीरपुर के साथ लगते झनियारी के अनन्य शर्मा जो कि खारकीव में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं उन्होंने बंकर से एक वीडियो अपने परिजनों को भेजा है और वहां के हालात बयान किए हैं।
मुख्यमंत्री जी! हमारे बच्चों को बचा लो
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर से रूस और यूक्रेन के मध्य संघर्ष के कारण यूक्रेन में फंसे प्रदेश के लोगों को सुरक्षित वापस लाने के लिए आवश्यक उपाय करने का आग्रह किया। इस संबंध में केंद्रीय विदेश मंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार यूक्रेन में हिमाचल प्रदेश के 130 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यूक्रेन में फंसे राज्य के लोगों की सुरक्षा के लिए चिंतित है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव पहले से ही विदेश सचिव के संपर्क में हैं। जयराम ठाकुर ने मंत्रालय द्वारा यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सहायता के लिए यूक्रेन के साथ-साथ नई दिल्ली में हेल्पलाइन स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों की भी सराहना की। वहीं, यूक्रेन में फंसे छात्रों के अभिभावक भी मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं।
बेटे के यूक्रेन में फंसने से माता-पिता का छलका दर्द
यूके्रेन में फंसे हिमाचली बच्चों के अभिभावकों ने मुख्यमंत्री से मांग की हैं कि हिमाचली छात्रों को वापस लाने के लिए प्रयास किए जाए। शुक्रवार को विधानसभा परिसर में घृणाहटी के प्रकाश चंदेल अपनी पत्नी कांता चंदेल के साथ मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनका बेटा कुनाल पिछले पांच से सालों से यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। 26 को उसकी फ्लाइट भारत के लिए रवाना होनी थी, लेकिन अचानक हालात बिगडऩे से अब आना अब संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि 1100 नंबर भी उन्होंने इस बात की जानकारी दी हैं।
मेट्रो स्टेशन के बंकर में ठहराए
करसोग। यूक्रेन में करसोग क्षेत्र से संबंध रखने वाले दोनों युवक पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि परिजन दोनों युवाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। करसोग से 20 किलोमीटर दूर कलाशन पंचायत के गेत राम पिछले नौ वर्षों से वहीं पर हैं तथा संबंधित क्षेत्र में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे अनेक भारतीयों से जुड़े हुए हैं । वहीं, चिराग क्षेत्र का शिवांश पिछले चार सालों से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। शिवांश के पिता राकेश शर्मा ने बताया कि उनका बेटा खारकीव स्थित मेट्रो स्टेशन के बंकर में अपने चार भारतीय सदस्यों के साथ पूरी तरह सुरक्षित है। शिवांश ने बताया कि अनुष्का कुठियाला शिमला से, अदिति शर्मा कुमारसेन से, शिवांग पंजाब से व काकुल हरियाणा से उनके साथ मेट्रो स्टेशन के भूमिगत बंकर नुमा स्थान पर हैं।
यूक्रेन में हर वक्त डर का महौल
सोलन। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद के बीच सोलन शहर का एक युवक वापस लौट आया है। शुक्रवार को आयुष शर्मा अपने घर सोलन पहुंच। बता दें कि आयुष यूक्रेन के एक निजी कालेज में फस्र्ट ईयर का छात्र है। वह एमबीबीएस कर रहा है। वहीं, आयुष के घर लौटने से परिजनों ने भी राहत की सांस ली है। गौर रहे कि यूक्रेन में जिला सोलन के करीब 15 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इनमे से अधिक बच्चे बीबीएन क्षेत्र के है। आयुष ने ‘समाचार दर्पण 24′ से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि यूक्रेन में हर समय डर के माहौल में रहना पड़ता है। होस्टल छोड़ बंकरों में रखा जा रहा है।
एयर टिकट हुई मंहगी
भारत से यूक्रेन जाने के लिए एक तरफ हवाई जहाज खर्चा पहले करीब 20 से 25 हजार रुपए आया करता था, लेकिन जब से युक्रेन और रूस के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। उसके बाद एयर टिकट के दामों में डबल उछाल आया है। आयुष ने बताया कि अब एक तरफ का एयर टिकट करीब 50 हजार का मिल रहा है। यह भी एक परेशानी है। इस तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."