कंचन सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण और सर्दी के कारण बंद चल रहे स्कूलों को अब खुलवाने पर जोर दिया जा रहा है। इसको लेकर अलग-अलग तरह के तर्क दिए जा रहे हैं।
लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन का दावा है कि लंबे समय से घरों में कैद बच्चों के बर्ताव में बदलाव देखने को मिल रहा है। बच्चे चिड़चिड़े हो रहे हैं।
70 परसेंट इस समय पढ़ाई से दूर है। एसोसिएशन का कहना है कि 6 साल से कम उम्र वाले इन बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई संभव ही नहीं है।
अभिभावक पिछले दो साल से ऑनलाइन क्लास कराकर त्रस्त है और अब वो प्री-स्कूल पर दबाव बना रहे हैं कि आप उनके बच्चों को बिना और देरी के प्री-स्कूल भेजन की अनुमति दें।
सरकारी ओदश के कारण प्री-स्कूल असमर्थ महसूस कर रहे है। प्री-स्कूल में 6 साल से कम उम्र के बच्चें पढ़ते है जिनके लिए ऑनलाइन क्लास करना काफी कठिन है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 6 फरवरी तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद किया गया है।
लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप अग्रवाल का कहना है कि 90 प्रतिशत मानसिक विकास छः साल से कम उम्र में हो जाता है और लगभग दो साल से बगैर किसी वैज्ञानिक सुबूत के स्कूलों को बंद रखा गया है।
एसोसिएशन के सचिव डॉ. तुषार चेतावनी का कहना है कि जब बच्चों को पार्क, चिडि़याघर, माल में जाने की अनुमति है तो उन्हें स्कूल क्यों नहीं जाने दिया जा रहा?
Author: samachar
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