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मनीष आमले की रिपोर्ट
कुक्षी।। प्रेम स्नेह और अपनेपन से हम संसार पर विजय प्राप्त कर सकते है किंतु वर्तमान समय मे मनुष्य ने प्रेम का त्याग कर कटुता व तलवार को अपना लिया है जो समाज हित मे नही है।
उक्त उदगार कुक्षी के अल्प प्रवास पर पधार दिगम्बर जैन सन्त 108 श्री गिरनार सागरजी ने व्यक्त किये समाज के रूपेश बड़जात्या ने बताया कि मुनिश्री तालनपुर से बावनगजा की ओर निकल गए।
इस अवसर पर समाज के राजप्रकाश पहाड़िया राजेश बड़जात्या मनीष सेठी नरेश पहाड़िया नीलेश बड़जात्या देवेंद्र पाटनी वीरेन्द्र बड़जात्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग बौद्धिक प्रमुख हरिओम शर्मा सहित मुकेश बड़जात्या रंजन पहाड़िया आदि ने मंगल अगवानी की।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."
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