Explore

Search
Close this search box.

Search

24 February 2025 1:16 am

लेटेस्ट न्यूज़

ये है प्रशासन ; ग्राम प्रधान के घर के छह सदस्यों के नाम पर मनरेगा से निकाली गई रकम

57 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर प्रसाद वर्मा की रिपोर्ट

लखीमपुर खीरी। प्रधान व अधिकारियों की मिलीभगत से क्षेत्र धौरहरा खीरी में  मनरेगा योजना का मखौल उड़ाया जा रहा है। धौरहरा के कलुआपुर गांव में ग्राम प्रधान के घर के छह सदस्यों के नाम पर मनरेगा से निकाली गई रकम का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि इस मामले में डीसी मनरेगा ने जांच की बात कही है।

ग्राम प्रधान के परिजन बने मनरेगा मजदूर

मामाला जिला खीरी के धौरहरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत कलुआपुर का है। यहां के ग्रामीण आयुष मौर्या ने बताया कि यहां प्रधान के हाथ में गांव की बागडोर आते ही प्रधान के परिजन मनरेगा मजदूर बन गए । जबकि प्रधानी से पहले उनका दूर दूर तक मजदूरी से कोई संबंध नहीं था। गांव की बागडोर आते ही प्रधान पुत्र ,बहू और देवर,जेठ तक मजदूर बन गए।

प्रधान के परिजनों के नाम पर बने मनरेगा के जॉब कार्ड।
प्रधान के परिजनों के नाम पर बने मनरेगा के जॉब कार्ड।

प्रधान के घर के सदस्यों के बने जॉब कार्ड

ग्रामीण आयुष मौर्या ने बताया कि कलुआपुर गांव की प्रधान आयशा पत्नी अन्सार है । गांव की बागडोर संभालते ही उनका पुत्र रियाज गांव में मनरेगा के तहत कागजों पर मजदूरी करने लगा। उसने जुलाई से दिसंबर तक 63 दिन मजदूरी की। इसी प्रकार रियाज की पत्नी रुहेना बानो ने जुलाई से दिसंबर तक 93 दिन, प्रधान के देवर आजाद ने जुलाई से दिसंबर के बीच 66 दिन , आजाद के पुत्र मो कैफ ने जुलाई से दिसंबर के बीच 56 दिन जबकि जेठ कुतुबुद्दीन ने जून से दिसम्बर के बीच में 100 दिन , जेठ के पुत्र कामिल ने 66 दिन मनरेगा में मजदूरी की है।

मामले की कराई जाएगी जांच

बताया जा रहा है कि ग्राम प्रधान के सदस्यों ने मनरेगा में फर्जीवाड़े के तहत तकरीबन 90 हजार रुपए निकाल लिए हैं। अब ऐसे में ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर सवाल खड़े हो रहे हैं। डीसी मनरेगा पीपी त्रिपाठी ने बताया कि मामला गंभीर है फिर भी मामले की मुझे अभी तक जानकारी नहीं है। मामले की जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी ।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़