संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- जिले के पांच ब्लॉकों में मनरेगा योजना के तहत गांवों में कराए जाने वाले पक्के कार्यों मेें जमकर धांधली देखने को मिल रही है। लेकिन डीसी मनरेगा ने पूरे जिले में बिना कार्यों का सत्यापन कराए धड़ाधड़ भुगतान कर दिया है। मनरेगा योजना द्वारा कराए गए कार्यों की जांच के बाद व अनुपात के हिसाब से ही काम पूरा होने पर भुगतान करने का शासनादेश है लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारी कमीशनखोरी के चलते धड़ल्ले से भुगतान करते हुए नजर आते हैं l
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली मनरेगा योजना में जिले में बड़े स्तर पर घपला होने का मामला सामने आ रहा है जिले के सभी ब्लॉकों मेें ऐसी फर्मों से सामान की खरीद करवा ली गई जिनका जीएसटी में रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। ऐसे कई वेंडर हैं जिनके पास कोई फर्म नहीं है लेकिन फिर भी फर्म के नाम फर्जीवाड़ा करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट करते हैं व सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाने का काम करते हैं l
जिले के इन ब्लाकों में कई ऐसे वेंडर हैं जिनका जीएसटी पंजीकरण तक नहीं हैं इनके कागज अधूरे हैं। इनको भुगताने कराने के लिए 40 फीसदी सामग्री पर पैसा खर्च करना था लेकिन 40 फ़ीसदी से ज्यादा तक सामग्री पर पैसा खर्च कर दिया गया जिससे बड़े पैमाने पर मनरेगा योजना में गड़बड़ी की गई है l
मनरेगा योजना से कराए जाने वाले पक्के कार्यों का जिलेभर में इसी जनवरी माह में भुगतान कर दिया गया है इसके बाद अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है कि आखिर बिना कार्यों का सत्यापन किए गए ही लाखों रुपए का भुगतान कैसे कर दिया गया l
मनरेगा योजना में नियम यह है कि मनरेगा के तहत मिलने वाले धन को 60 फीसदी लेबर और 40 प्रतिशत सामग्री पर खर्च होना चाहिए लेकिन विभागीय कर्मचारियों की मनमानी से लेबर पर कम और सामग्री पर ज्यादा भुगतान कर दिया गया है l
शासन द्वारा मनरेगा योजना से डब्ल्यू बी एम रोड़ निर्माण पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं लेकिन इसके बावजूद जिले में मनरेगा योजना से डब्ल्यू बी एम रोड़ निर्माण का कार्य मनमाने तरीके से कराया जा रहा है व सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया जा रहा है l
बिना कार्यों के सत्यापन किए हुए फर्जी भुगतान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ब्लॉक से लेकर गांव व जिला स्तर तक किस तरह से करोड़ों रुपये सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है यदि सही तरीके से जांच हुई तो इनमें कई लोगों की गर्दन फंसना तय है।
मनरेगा योजना के तहत जिले के सभी ब्लॉकों में पक्के निर्माण कार्यों में बड़ी गड़बड़ी देखने को मिल रही है इसके बावजूद पूरे जिले में मनरेगा योजना के तहत पक्के निर्माण के कार्यों का भुगतान मनमाने तरीके से कर दिया गया है l
शासन द्वारा आदेश जारी किया गया है कि वह 60 व 40 प्रतिशत अनुपात के हिसाब से काम करवाएं लेकिन कमीशनखोरी के चलते यह आदेश सिर्फ़ कागजी कोरम पूरा करने में ही दिखाई देते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है l
जिले के मानिकपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना से डब्ल्यू बी एम रोड़ निर्माण का कार्य मनमाने तरीके से करवाया जा रहा है व सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया जा रहा है l
जिले में डी सी मनरेगा बनकर आए धर्म जीत सिंह ने पहाड़ी ब्लाक के बीड़ीओ का कार्यभार संभालते ही बिना कार्यों का सत्यापन किए हुए ही मनमाने तरीके से लाखों रुपए का भुगतान कर दिया व इन भुगतानों में जमकर कमीशनखोरी की गई l
सवाल यह भी उठता है कि जब जिले के जिम्मेदार अधिकारी डी सी मनरेगा द्वारा केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजना में बड़ी लापरवाही बरतते हुए मनमाने तरीके से लाखों रुपए का भुगतान कर दिया गया तो विकास खंडों में तैनात बीड़ीओ द्वारा क्या गुल खिलाए जाते होंगे यह किसी से छिपा नहीं है ।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."