बदायूं में 7 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी जानेआलम को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। जानें, कैसे पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से उसे पकड़ा और कोर्ट ने तेजी से सुनवाई कर दोषी को सजा दी।
बदायूं के बिल्सी थाना क्षेत्र में सात वर्षीय मासूम बच्ची के साथ हुए जघन्य अपराध में अदालत ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश व स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट दीपक यादव ने मंगलवार को आरोपी जानेआलम को दोषी करार दिया था और बुधवार को मृत्यु दंड का फैसला सुनाया। न्यायालय ने कहा कि यह अपराध “विरल से विरलतम” श्रेणी में आता है, इसलिए दोषी को फांसी की सजा दी जाती है।
कैसे हुई यह भयावह घटना?
यह घटना 18 अक्टूबर को बदायूं के बिल्सी नगर में हुई थी। सात वर्षीय बच्ची, जो कक्षा तीन की छात्रा थी, दोपहर में सब्जी लेने के लिए घर से निकली थी। जब वह घर लौट रही थी, तो रास्ते में बंदर देखकर डर गई और पीछे हटने लगी।
इसी दौरान, मोहल्ले का ही जानेआलम उसे बहला-फुसलाकर पास के खंडहरनुमा मकान में ले गया और वहां उसने बच्ची के साथ दरिंदगी की। घटना के बाद जब बच्ची देर शाम तक घर नहीं पहुंची, तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। अंततः खंडहर में एक आलमारी में कपड़े में लिपटा हुआ शव मिला। यह दृश्य देखकर परिवार में कोहराम मच गया और पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया।
सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिससे आरोपी की पहचान हो गई। वह और कोई नहीं बल्कि मोहल्ले का ही जानेआलम था। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।
तीन महीने में आया अदालत का फैसला
पुलिस ने इस मामले में 18 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की और कोर्ट ने त्वरित सुनवाई शुरू की। सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर मंगलवार को अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और बुधवार को फांसी की सजा सुनाई।
फैसले में अन्य महत्वपूर्ण आदेश
पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले यूट्यूबर शिवा पाराशर और उसके चैनल के मालिक पर भी अलग से मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
एक व्यापारी को झूठे केस में फंसाने की कोशिश करने वाले व्यक्ति पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
कड़ा संदेश: अपराधियों को नहीं मिलेगी राहत
अदालत के इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चियों के खिलाफ अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी। अब दोषी जानेआलम को फांसी पर लटकाया जाएगा, जब तक कि उसकी मृत्यु न हो जाए।
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। हालांकि, पुलिस की तेज कार्रवाई और अदालत के सख्त फैसले से पीड़िता के परिवार को न्याय मिला। यह निर्णय भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक मिसाल बनेगा।
➡️अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट

Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की