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16 March 2025 8:59 am

आजमगढ़ में फर्जी मदरसों पर ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, अब तक 219 मुकदमे दर्ज

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“आजमगढ़ में फर्जी मदरसों पर ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, अब तक 219 मुकदमे दर्ज। जांच में 219 मदरसे अस्तित्वहीन पाए गए। जानिए पूरी खबर!”

आजमगढ़ जिले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) की जांच में फर्जी मदरसों का बड़ा घोटाला सामने आया है। इस जांच के तहत 6 फरवरी से कार्रवाई शुरू हो गई है और अब तक 219 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इस घोटाले से साफ जाहिर होता है कि जिले में मदरसों की स्थापना और संचालन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई हैं।

फर्जी मदरसों की पहचान और जांच प्रक्रिया

शासन द्वारा मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन सत्यापन किया गया, जिसमें 313 मदरसे मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। जब एसआईटी ने इस मामले की गहराई से जांच की, तो 219 मदरसों का अस्तित्व ही नहीं मिला। इस घोटाले की पहली एफआईआर जिले के कंधरापुर थाने में दर्ज की गई थी।

गौरतलब है कि वर्ष 2009-10 में बिना किसी भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान दिया गया था। हालांकि, 2017 में इसकी शिकायत सरकार से की गई, जिसके बाद जांच शुरू हुई। 2017 की जांच में 387 मदरसे वैध पाए गए, जबकि 313 मदरसों में गंभीर गड़बड़ियां उजागर हुईं। इसके बाद, इस पूरे मामले की जांच एसआईटी टीम को सौंपी गई।

2022 में एसआईटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 219 मदरसे केवल कागजों पर मौजूद थे। इसके बाद शासन ने ईओडब्ल्यू को इन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जिसके तहत जिलेभर में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

किस थाने में कितने मुकदमे दर्ज हुए?

आजमगढ़ जिले में कुल 22 थानों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। फूलपुर कोतवाली क्षेत्र में सबसे अधिक 41 मुकदमे दर्ज किए गए। पवई थाने में 34 मुकदमे दर्ज हुए।

मुबारकपुर में 15, अतरौलिया में 13, जीयनपुर में 10, दीदारगंज में 24 और अहरौला में 25 मुकदमे दर्ज हुए।

अन्य थाना क्षेत्रों में भी कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें सिधारी (5), रानी की सराय (3), निजामाबाद (5), गंभीरपुर (2), देवगांव (7), बरदह (7), मेंहनगर (5), तरवां (3), महराजगंज (2), बिलरियागंज (1), रौनापार (3), और कप्तानगंज (2) शामिल हैं।

आगे की कार्रवाई पर क्या बोले एसएसपी?

आजमगढ़ के एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि ईओडब्ल्यू की जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे घोटाले में शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और न्यायिक प्रक्रिया के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

आजमगढ़ में सामने आया फर्जी मदरसा घोटाला शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। बिना भौतिक सत्यापन के अनुदान दिए जाने से सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ, जिससे शासन को करोड़ों का नुकसान हुआ। हालांकि, प्रशासन द्वारा की जा रही कड़ी कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि दोषियों को सजा मिलना तय है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।

➡️जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

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