अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 18 फरवरी 2025 (मंगलवार) से शुरू हुआ और 16 दिनों तक चला। 05 मार्च 2025 (बुधवार) को सत्र का समापन हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा और विवाद का विषय बन गए। खासतौर पर, ‘पप्पू’, ‘टप्पू’, ‘चच्चू’, ‘कठमुल्ला’ और ‘कमबख्त’ जैसे शब्दों का उपयोग विपक्षी नेताओं के संदर्भ में किया गया।
‘पप्पू’ और ‘टप्पू’ पर तंज
बजट सत्र के दूसरे ही दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा,
“अगर देश में भाजपा की जीत की गारंटी राहुल गांधी हैं, तो उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की गारंटी अखिलेश यादव हैं। भाई, ‘पप्पू’ और ‘टप्पू’ में ज्यादा फर्क थोड़े ही है!”
इस बयान के बाद विधानसभा में सपा विधायकों ने कड़ा विरोध जताया।
शिवपाल यादव को ‘चच्चू’ कहकर किया संबोधित
सत्र के दौरान, सीएम योगी ने सपा विधायक और अखिलेश यादव के चाचा, शिवपाल सिंह यादव को बार-बार ‘चच्चू’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा,
“चच्चू ने ‘पप्पू’ और ‘टप्पू’ ऐसे ही नाम थोड़े रखा है, कुछ सोच-समझकर ही रखा होगा!”
शिवपाल यादव ने इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए इसे असंसदीय भाषा करार दिया।
‘कठमुल्ला’ शब्द पर मचा बवाल
सत्र के पहले ही दिन, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय की ओर इशारा करते हुए सीएम योगी ने सपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,
“ये लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाएंगे, लेकिन सरकार अगर गरीबों के बच्चों को सुविधाएं देना चाहे, तो वे उन्हें उर्दू पढ़ाना चाहते हैं। वे उन्हें मौलवी बनाकर देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहते हैं।”
इस बयान के बाद सपा विधायकों ने जोरदार हंगामा किया।
अंतिम दिन ‘कमबख्त’ शब्द का इस्तेमाल
बजट सत्र के अंतिम दिन यानी 05 मार्च 2025 को सीएम योगी ने विधानपरिषद में महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“उस कमबख्त को निकालो पार्टी से बाहर और यूपी भेज दो, बाकी उपचार हम करवा देंगे।”
इस बयान को लेकर विपक्ष ने जमकर आपत्ति जताई।
गरमा-गर्मी के बीच संपन्न हुआ बजट सत्र
2025-26 के यूपी विधानसभा बजट सत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच कई बार तीखी नोकझोंक देखने को मिली। सपा विधायकों ने हंगामा किया, और सपा विधायक अतुल प्रधान बेड़ियों में जकड़कर विधानसभा पहुंचे। पूरे सत्र के दौरान बयानबाजी और तीखे हमलों के चलते सदन का माहौल गर्माया रहा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह बजट सत्र न सिर्फ आर्थिक मुद्दों बल्कि राजनीतिक बयानबाजियों के लिए भी याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भाषा पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी, जबकि भाजपा इसे राजनीतिक कटाक्ष करार देती रही। कुल मिलाकर, इस सत्र में जहां वित्तीय योजनाओं पर चर्चा हुई, वहीं तीखे शब्दों के वार-पलटवार भी सुर्खियों में बने रहे।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की