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10 March 2025 1:58 pm

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महाशिवरात्रि 2024: जानिए तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और जलाभिषेक का सही समय

69 पाठकों ने अब तक पढा

पंडित श्रीराम जीत द्विवेदी

हर साल भगवान शिव के भक्त महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देशभर के शिव मंदिरों में ‘बम-बम भोले’ के जयकारे गूंजते हैं, और श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक, व्रत, उपवास, मंत्र जाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व माना जाता है। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की महिमा, तिथि और शुभ मुहूर्त।

महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव का प्राकट्य हुआ था और इसी दिन उनका विवाह माता पार्वती से संपन्न हुआ था। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और विशेष रूप से रुद्राभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।

महाशिवरात्रि 2024 की तिथि और समय

इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी।

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी को सुबह 08:54 बजे

चूंकि महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि में करने का विशेष महत्व होता है, इसलिए 26 फरवरी की रात में महादेव की पूजा की जाएगी।

क्या इस बार भद्रा का असर रहेगा?

इस वर्ष महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया रहेगा, लेकिन यह पाताल लोक में रहेगा। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, पाताल लोक की भद्रा का पृथ्वी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, इसलिए भक्त बिना किसी संकोच के भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि 2024: जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए दिनभर में कई शुभ मुहूर्त रहेंगे:

सुबह: 06:47 बजे से 09:42 बजे तक

दोपहर: 11:06 बजे से 12:35 बजे तक

शाम: 03:25 बजे से 06:08 बजे तक

रात्रि: 08:54 बजे से 12:01 बजे तक (शिवलिंग का श्रृंगार करने का उत्तम समय)

चार प्रहर की पूजा का शुभ समय

महाशिवरात्रि की रात चार पहरों में पूजा करने का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक प्रहर के लिए विशेष पूजा का समय इस प्रकार है:

1. प्रथम प्रहर: 26 फरवरी शाम 06:19 से 09:26 बजे तक

2. द्वितीय प्रहर: रात 09:26 से 27 फरवरी मध्य रात्रि 12:34 बजे तक

3. तृतीय प्रहर: 27 फरवरी मध्य रात्रि 12:34 से प्रातः 03:41 बजे तक

4. चतुर्थ प्रहर: 27 फरवरी प्रातः 03:41 से सुबह 06:48 बजे तक

महाशिवरात्रि पर कैसे करें भगवान शिव की पूजा?

1. स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।

2. शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और गंगाजल चढ़ाएं।

3. बेलपत्र, धतूरा और आक के फूल अर्पित करें।

4. ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

5. रात्रि जागरण और शिव पुराण का पाठ करें।

महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन शुद्ध मन से उपवास, मंत्र जाप और चार प्रहर की पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भक्त जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के माध्यम से महादेव को प्रसन्न कर सकते हैं। इस महाशिवरात्रि, आप भी शिव भक्ति में लीन होकर अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर सकते हैं। हर-हर महादेव!

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