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14 March 2025 10:06 pm

जिंदा पति को मृत दिखाकर महिला ने वर्षों तक उठाया विधवा पेंशन का लाभ, पुलिस को लगी भनक, तो भागे आए अधिकारी

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के गहमर थाने में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने सरकारी विधवा पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए अपने पति को कागजों में मृत घोषित करवा दिया। वर्ष 2021 से वह योजना के तहत पेंशन प्राप्त कर रही थी, लेकिन जब पति को इसकी जानकारी मिली, तो उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश पर हुई जांच के बाद महिला की धोखाधड़ी उजागर हुई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

पति-पत्नी के बीच चल रहा था भरण-पोषण का विवाद

मामला गहमर थाना क्षेत्र के मनियां गांव का है, जहां रामऔतार नामक व्यक्ति और उसकी पत्नी तारा देवी के बीच भरण-पोषण को लेकर कानूनी विवाद चल रहा था। प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय गाजीपुर में इस संबंध में मामला विचाराधीन था। न्यायालय के आदेश के अनुसार, रामऔतार हर महीने अपनी पत्नी को 2000 रुपये भरण-पोषण के रूप में दे रहा था।

इसी दौरान, तारा देवी ने अपने पति को आधिकारिक दस्तावेजों में मृत घोषित कराने की साजिश रची और जाली प्रमाण पत्र बनवाकर वर्ष 2021 से विधवा पेंशन योजना का लाभ उठाने लगी।

पति को लगा धोखे का एहसास, पुलिस से की शिकायत

रामऔतार को जब इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली, तो उसने 19 जुलाई और 29 जुलाई 2024 को गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से शिकायत भेजी। हालांकि, उस समय पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जब पुलिस से न्याय नहीं मिला, तो रामऔतार ने न्यायालय में याचिका दायर की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, जिसमें महिला द्वारा की गई धोखाधड़ी की पुष्टि हो गई।

पुलिस ने आरोपी महिला को किया गिरफ्तार

जांच में मामला सही पाए जाने के बाद पुलिस ने 31 अक्टूबर 2024 को तारा देवी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया और रविवार को उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक, डॉ. ईरज राजा ने बताया कि आरोपी महिला के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, सरकारी खजाने से मिले पेंशन की राशि की रिकवरी की जाएगी। यदि महिला पेंशन की धनराशि वापस नहीं करती है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी योजनाओं में बढ़ रही धोखाधड़ी

यह मामला सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का एक गंभीर उदाहरण है, जहां लाभार्थी गलत तरीके से सरकारी धन प्राप्त करने के लिए फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। इस घटना ने प्रशासन और जांच एजेंसियों की सतर्कता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर इतने लंबे समय तक यह धोखाधड़ी कैसे चलती रही।

अब देखना यह होगा कि आरोपी महिला से कितनी राशि की वसूली की जाती है और इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रशासन क्या कदम उठाता है।

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