चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के रामपुर से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां सईद नामक मुस्लिम युवक ने अपनी प्रेमिका शारदा से विवाह करने के लिए इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। धर्म परिवर्तन के बाद उसका नया नाम सतीश कुमार वाल्मीकि रखा गया। इसके बाद दोनों ने पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मंदिर में सात फेरे लेकर शादी कर ली।
सात साल पुराना प्रेम संबंध
सईद और शारदा के बीच प्रेम संबंध पिछले सात वर्षों से चल रहा था। हालांकि, जब इस रिश्ते की जानकारी उनके परिवारवालों को मिली, तो उन्होंने इसका विरोध किया और दोनों को अलग करने की कोशिश की। परिवार ने उन्हें समझाने की भी बहुत कोशिश की, लेकिन दोनों ने साथ रहने का फैसला किया।
शारदा पहले से थी विधवा
शारदा की पहले भी शादी हो चुकी थी, लेकिन उनके पहले पति का निधन हो चुका था। इसके बावजूद, जब उन्होंने सईद के साथ अपना जीवन बिताने की इच्छा जताई, तो सामाजिक और पारिवारिक दवाब उनके रास्ते की सबसे बड़ी बाधा बन गया। इन सभी अड़चनों के बावजूद, सईद ने अपनी प्रेमिका के साथ रहने का निश्चय किया और इसके लिए धर्म परिवर्तन का रास्ता अपनाया।
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया और विवाह
सईद (अब सतीश) ने उप-जिला अधिकारी के सामने शपथ पत्र के माध्यम से यह प्रमाणित किया कि वह अपनी स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपना रहा है। भारतीय परिषद अखाड़ा के मार्गदर्शन में, दोनों का विवाह संपन्न हुआ।
रामपुर स्थित धनोरा मोड़ के एक मंदिर परिसर में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी संपन्न हुई। सतीश ने शारदा के गले में मंगलसूत्र पहनाया, उसकी मांग में सिंदूर भरा और अग्नि के सात फेरे लेकर उसे अपनी जीवन संगिनी बना लिया।
सतीश पेशे से राजमिस्त्री
धर्म परिवर्तन करने वाले सतीश (सईद) पेशे से एक राजमिस्त्री हैं। उन्होंने अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण निर्णय को पूरी आस्था और प्रेम के आधार पर लिया है। इस विवाह के बाद दोनों ने एक-दूसरे के साथ हमेशा रहने और हर परिस्थिति में साथ निभाने का संकल्प लिया।
समाज में बना चर्चा का विषय
यह मामला अब समाज में चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोग इस प्रेम कहानी को सच्चे प्यार की मिसाल मान रहे हैं, तो कुछ इसे धर्म परिवर्तन का मुद्दा बनाकर देख रहे हैं।
फिलहाल, सतीश और शारदा खुशहाल जीवन की ओर बढ़ चुके हैं और उन्होंने समाज की सभी बंदिशों को तोड़कर अपने प्रेम को अंजाम तक पहुंचाया।
Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की