चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
अयोध्या में एक दलित युवती के साथ हुए जघन्य दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस ने सोमवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, इस क्रूरतम कांड को अंजाम देने वालों में दिग्विजय सिंह उर्फ बाबा, हरिराम कोरी और विजय साहू शामिल हैं। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया और जो खुलासे किए, वे इतने भयावह थे कि पुलिस अधिकारी भी सुनकर कांप उठे।
नशे में की बर्बरता, मौत का एहसास तक नहीं हुआ
मुख्य आरोपी दिग्विजय सिंह ने पुलिस को बताया कि घटना वाले दिन वे सभी नशे में थे। जैसे ही युवती कथा सुनने के बाद अकेली जा रही थी, उन्होंने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। उसके मुँह में जबरन दुपट्टा ठूंस दिया, लेकिन वह लगातार विरोध कर रही थी। गुस्से में आकर उन्होंने डंडे से उसके सिर पर वार किया, जिससे वह बेहोश हो गई। आरोपी ने कहा, “हमें अंदाजा भी नहीं था कि वह मर चुकी है। जब हमने उसे हिलाया-डुलाया, तब समझ आया कि उसकी जान जा चुकी थी।”
1 घंटे तक की हैवानियत, फिर शव को ठिकाने लगाया
आरोपियों ने कबूला कि उन्होंने पीड़िता के साथ लगभग एक घंटे तक हैवानियत की। जब उनकी दरिंदगी पूरी हो गई, तो शव को ठिकाने लगाने की साजिश रची। पहले वे टेक्निकल डिग्री कॉलेज के बाहर बने टॉयलेट में शव को फेंकने की सोच रहे थे, लेकिन फिर उसे सूखी नहर में फेंक दिया। शव को छुपाने के लिए लताओं से उसके हाथ-पैर बांध दिए और फिर अपने-अपने घर चले गए।
गांव में कथा चल रही थी, इसलिए किसी को नहीं हुआ शक
घटना के समय गांव में भागवत कथा का आयोजन हो रहा था। लाउडस्पीकर की तेज आवाज़ के कारण किसी को लड़की की चीखें सुनाई नहीं दीं। आरोपियों ने इसी मौके का फायदा उठाकर इस अमानवीय अपराध को अंजाम दिया।
दरिंदगी की हदें पार: आंखें फोड़ी, प्राइवेट पार्ट में डंडा डाला
मृतका के परिवारवालों ने बताया कि उनकी 22 वर्षीय बेटी 30 जनवरी की रात कथा सुनने गई थी। जब वह रात 11 बजे तक घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने उसे तलाश करना शुरू किया। अगले दिन सुबह तक भी कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन शनिवार सुबह नाले में युवती का निर्वस्त्र शव पड़ा मिला।
अत्याचार का वीभत्स स्वरूप
जांच के दौरान युवती के शव पर मिले घावों और चोटों ने इस घटना की वीभत्सता को उजागर कर दिया।
युवती के दोनों हाथ-पैर तोड़ दिए गए थे। उसकी दोनों आंखें फोड़ दी गई थीं। प्राइवेट पार्ट में डंडा डालने की वजह से उसने मल त्याग कर दिया था। शरीर पर ब्लेड से कई जगह गहरे घाव किए गए थे।
परिजनों का आरोप: पुलिस ने नहीं की मदद
परिजनों का कहना है कि जब उनकी बेटी रातभर घर नहीं लौटी, तो उन्होंने पुलिस से मदद मांगी, लेकिन पुलिस ने टालमटोल की और मामले को गंभीरता से नहीं लिया। शव मिलने के बाद जब परिजन थाने पहुंचे, तब जाकर पुलिस हरकत में आई।
तीनों आरोपी गिरफ्तार, कठोर कार्रवाई की मांग
पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर दुष्कर्म, हत्या, अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीड़न अधिनियम सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। हालांकि, मृतका के परिजन और स्थानीय लोग आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग कर रहे हैं।
न्याय की गुहार
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद क्षेत्र में गुस्से का माहौल है। लोग सड़कों पर उतरकर युवती के लिए न्याय और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है।
अब सवाल उठता है कि आखिर कब तक बेटियां ऐसी बर्बरता का शिकार होती रहेंगी? क्या समाज और प्रशासन इस जघन्य अपराध को सिर्फ एक और केस मानकर आगे बढ़ जाएगा, या फिर कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?
Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की