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6 March 2025 6:15 pm

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जहाँ वर्षों की तपस्या के बाद भी साधुत्व नहीं प्राप्त हो पाती वहीं कोई पल भर में महामंडलेश्वर कैसे हो सकता? बाबा रामदेव क्या कहते हैं…

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

योग गुरु बाबा रामदेव ने महाकुंभ के नाम पर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अश्लीलता और फूहड़ता को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म का एक भव्य और पवित्र उत्सव है, जो हमारी जड़ों से जुड़ा हुआ है। इसे अश्लीलता, नशा और अनुचित व्यवहार के साथ जोड़ना पूरी तरह गलत है। बाबा रामदेव ने कहा कि यह पर्व मनुष्यता को देवत्व, ऋषित्व और ब्रह्मत्व की ओर ले जाने का प्रतीक है।

बाबा रामदेव ने महाकुंभ से जुड़े विवादित रील्स और सामग्री पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कुछ लोग इस पवित्र पर्व को अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने इसे सनातन धर्म और इसकी गरिमा पर आघात बताया। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म को जीने और बढ़ाने की आवश्यकता है, न कि इसे मात्र छिछोरी हरकतों और शब्दों तक सीमित करने की।”

इसके साथ ही, फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर भी बाबा रामदेव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “संतत्व या साधुता कोई एक दिन में नहीं पाई जा सकती। इसके लिए वर्षों की साधना और तप की जरूरत होती है। महामंडलेश्वर बनना तो और भी बड़ा तत्व है, जिसे आसानी से नहीं पाया जा सकता। आजकल किसी भी व्यक्ति को महामंडलेश्वर बना देना सही नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें और अन्य संतों को इस साधुता और संतत्व को प्राप्त करने में 50-50 साल का तप और साधना लगी है।

बाबा रामदेव की इस प्रतिक्रिया के पहले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी। बाबा रामदेव ने कहा कि सनातन धर्म का उद्देश्य मानवता को शाश्वत सत्य से जोड़ना है, और इसे झूठे प्रचार और अश्लीलता के साथ जोड़ना धर्म और समाज दोनों के लिए नुकसानदायक है।

बाबा रामदेव ने इस मुद्दे पर समाज को जागरूक करते हुए कहा कि महाकुंभ जैसे पवित्र पर्व की गरिमा बनाए रखना सभी का कर्तव्य है और इसे सस्ती लोकप्रियता के माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

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