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29 January 2025 8:22 am

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बेटी के लिए घरवाले ढूंढ़ रहे थे दामाद, पर लड़की ने किया कुछ ऐसा कि अब लानी पड़ेगी बहू

114 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

कानपुर की रहने वाली प्रियंका पाल, जो बचपन से ही महिला मुक्केबाज के रूप में पहचान बना चुकी थीं, ने अपनी जिंदगी में ऐसा कदम उठाया कि उनके परिवार और समाज के लिए यह एक बड़ा चौंकाने वाला विषय बन गया। 25 साल की उम्र तक प्रियंका ने महिला बॉक्सिंग में शानदार प्रदर्शन किया और खूब नाम कमाया। लेकिन अचानक उनकी जिंदगी में ऐसा मोड़ आया, जिसने सबको हैरानी में डाल दिया।

लड़के की तरह जीने की चाहत बचपन से

प्रियंका ने बचपन से ही लड़कियों के स्कूल में पढ़ाई की, लेकिन उनके हावभाव और व्यवहार हमेशा लड़कों की तरह थे। उन्हें मर्दाना जीवन जीना पसंद था। हालांकि, उस समय उन्हें लिंग परिवर्तन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। प्रियंका का सपना हमेशा से लड़के की तरह जिंदगी जीने और मुक्केबाजी में अपना करियर बनाने का था।

परिवार का रुख और प्रियंका का फैसला

जब प्रियंका 25 साल की हुईं, तो उनके परिवार ने उनके लिए लड़का तलाशना शुरू कर दिया ताकि उनकी शादी हो सके। लेकिन प्रियंका ने अपने परिवार के सामने ऐसा खुलासा किया, जिसने सबके होश उड़ा दिए। प्रियंका ने बताया कि उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में जाकर लिंग परिवर्तन करवाने का फैसला किया है। यह सुनकर परिवार वाले पहले काफी नाराज हुए, लेकिन बाद में उन्होंने इसे उनकी किस्मत मानकर स्वीकार कर लिया।

प्रियंका से बनीं श्रेयान पाल

प्रियंका पाल ने दो साल तक चले मेडिकल प्रक्रियाओं और चार बड़ी सर्जरी के बाद अपना लिंग परिवर्तन करवाया। इसमें लगभग 5 से 6 लाख रुपये का खर्च आया। इस प्रक्रिया में पहले उनके शरीर में मेल हार्मोन्स डाले गए, फिर टॉप और बॉटम सर्जरी की गई। इस बदलाव के बाद अब प्रियंका, श्रेयान पाल के नाम से पहचाने जाते हैं। श्रेयान ने अपने इस नए जीवन को लेकर खुशी जाहिर की और कहा कि यह वही जिंदगी है, जिसे वे बचपन से जीना चाहते थे।

अब तलाश है बहू की

प्रियंका के श्रेयान बनने के बाद परिवार ने अब उनके लिए बहू की तलाश शुरू कर दी है। पहले जहां वे दामाद की खोज में थे, अब वे अपने बेटे श्रेयान के लिए जीवनसंगिनी की तलाश कर रहे हैं। यह बदलाव परिवार के लिए शुरुआत में मुश्किल भरा था, लेकिन अब उन्होंने इसे पूरी तरह स्वीकार कर लिया है।

पुरुष बॉक्सिंग कोच बनने की इच्छा

श्रेयान पाल अब पुरुष बॉक्सिंग कोच बनने की इच्छा रखते हैं। वे चाहते हैं कि वे लड़कों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दें और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाएं। श्रेयान का कहना है कि उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया और अब वे अपने जीवन से बेहद खुश हैं।

समाज के लिए एक प्रेरणा

श्रेयान पाल की यह कहानी समाज के उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपनी पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यह कहानी दिखाती है कि अपनी असली पहचान को पाने के लिए साहस और दृढ़ता कितनी महत्वपूर्ण होती है। श्रेयान ने न केवल अपने जीवन को नई दिशा दी, बल्कि अपने परिवार और समाज को भी यह समझाने की कोशिश की कि हर इंसान को अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने का हक है।

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