हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए नक्सली कमांडर जयराम रेड्डी उर्फ चलपति का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव में किया गया। जयराम रेड्डी आंध्र प्रदेश का रहने वाला था और नक्सली संगठन का एक बड़ा नाम था। उसके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम था।
लाल झंडे के साथ अंतिम विदाई
अंतिम संस्कार के दौरान स्थानीय लोगों ने नक्सली विचारधारा के प्रतीक लाल झंडे लेकर डांस किया और “लाल सलाम जिंदाबाद” के नारे लगाए। उन्होंने स्थानीय भाषा में गीत गाए और उसे अपना हीरो बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। जयराम रेड्डी के ससुर लक्ष्मण राव ने बताया कि वह नक्सली संगठन में शामिल होने के बाद कभी घर वापस नहीं आया।
मेकाहारा अस्पताल में हुआ पोस्टमार्टम
गरियाबंद के जंगलों में हुए एक बड़े एनकाउंटर में जयराम रेड्डी सहित 16 नक्सली मारे गए। जयराम रेड्डी की पहचान होने के बाद उसके ससुर उसकी बॉडी लेने रायपुर के मेकाहारा अस्पताल पहुंचे, जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया।
10 वर्षों से छत्तीसगढ़ में सक्रिय था रेड्डी
जयराम रेड्डी पिछले 10 सालों से छत्तीसगढ़ के बस्तर और आसपास के इलाकों में सक्रिय था। उसने कई आत्मघाती हमलों और नक्सली गतिविधियों की साजिश रची थी। बढ़ती फोर्स की गतिविधियों के कारण उसने हाल ही में बस्तर से अपना ठिकाना गरियाबंद इलाके में शिफ्ट किया था।
37 साल छोटी पत्नी के कारण पकड़ा गया सुराग
61 वर्षीय जयराम रेड्डी ने अपने से 37 साल छोटी अरुणा नाम की युवती से शादी की थी। अरुणा भी नक्सली संगठन में सक्रिय थी। सुरक्षाबलों को अरुणा की एक सेल्फी से जयराम रेड्डी का सुराग मिला, जिससे उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई और अंततः एनकाउंटर में वह मारा गया।
एक करोड़ का इनामी नक्सली
जयराम रेड्डी के सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम था। वह सुरक्षाबलों पर हुए कई हमलों का मास्टरमाइंड था। उसकी सुरक्षा में हर वक्त नक्सली गार्ड तैनात रहते थे और वह हमेशा AK-47 जैसे खतरनाक हथियारों से लैस रहता था।
स्थानीय समर्थन ने उठाए सवाल
जयराम रेड्डी के अंतिम संस्कार में शामिल होकर स्थानीय लोगों द्वारा नक्सलवाद के समर्थन में नारे लगाना और उसे नायक के रूप में प्रस्तुत करना, प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। यह घटना क्षेत्र में नक्सलियों के प्रति समर्थन और उनकी गहरी जड़ों को उजागर करती है।