संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
भारत सरकार ने 2025 के गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले पद्म पुरस्कारों की घोषणा की, जिसमें कुल 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। इन पुरस्कारों के प्राप्तकर्ताओं में साध्वी ऋतंभरा का नाम भी है, जिन्हें “सामाजिक कार्य” के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है, जिसमें कुछ लोग इसे सरकार द्वारा राजनीतिकरण के तौर पर देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे एक उचित निर्णय मानते हैं।
साध्वी ऋतंभरा ने पुरस्कार मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनका सबसे बड़ा पुरस्कार तब मिल गया था जब 22 जनवरी को रामलला राम मंदिर में विराजमान हुए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस पुरस्कार को साध्वी ऋतंभरा के लिए हर्ष का विषय बताते हुए कहा कि उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के माध्यम से देश में जागृति फैलाई। दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इसे मोदी सरकार के तहत पद्म पुरस्कारों के राजनीतिक स्वरूप को उजागर करने वाला कदम बताया।
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक दयाशंकर मिश्रा ने साध्वी ऋतंभरा को पद्म पुरस्कार मिलने पर सरकार की संविधान के प्रति सोच पर सवाल उठाए। राजदीप सरदेसाई ने उनके द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस में भाग लेने और नफरत भरे भाषण देने की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह पुरस्कार एक विवादित निर्णय हो सकता है।
साध्वी ऋतंभरा का जीवन राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ा हुआ है। वह 1990 के दशक में इस आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थीं और उनके भड़काऊ भाषणों की किट्स बेचने के लिए वितरित किए गए थे। बाबरी मस्जिद के विध्वंस के दौरान वह मंच पर बीजेपी के नेताओं और साधु-संतों के साथ मौजूद थीं और कारसेवकों को संबोधित कर रही थीं। उन पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के आपराधिक षड्यंत्र रचने और दंगे भड़काने का आरोप भी लगा था, लेकिन 2020 में सीबीआई अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।
पद्म पुरस्कारों की शुरुआत 1954 में हुई थी और यह पुरस्कार कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, समाज सेवा, चिकित्सा, विज्ञान, सिविल सेवा, व्यापार, और अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य के लिए प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री के रूप में तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं। पद्म पुरस्कार समिति, जो प्रधानमंत्री द्वारा गठित की जाती है, उन व्यक्तियों को पुरस्कार देने के लिए सिफारिश करती है जो समाज में विशिष्ट सेवा प्रदान करते हैं।
इन पुरस्कारों में कोई नकद राशि या यात्रा रियायत नहीं होती, बल्कि पुरस्कार विजेताओं को एक प्रमाण पत्र और मेडल दिया जाता है। पुरस्कार के प्राप्तकर्ता को मेडल का एक रेप्लिका भी प्रदान किया जाता है, जिसे वे अपनी इच्छा अनुसार पहन सकते हैं।