ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
बरेली में पुलिस ने एक ऐसे भूमाफिया गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो विवादित जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर भोले-भाले लोगों को धोखा देकर करोड़ों रुपए की ठगी कर रहा था। इस गिरोह का सरगना निलंबित चकबंदी लेखपाल सावन जायसवाल है, जिसने कई महिलाओं और पुरुषों को अपने इस गोरखधंधे में शामिल कर रखा था।
गिरफ्तार महिला का चौंकाने वाला सच
पुलिस ने गिरोह की एक महिला सदस्य, रेनू, को गिरफ्तार किया है, जो पीलीभीत जिले के जहानाबाद थाना क्षेत्र के गोच्छी गांव की रहने वाली है। रेनू को गिरोह ने पैसों का लालच देकर इस धोखाधड़ी में शामिल किया था। गिरोह के सदस्य रेनू जैसे महिलाओं के फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाकर उन्हें जमीन का मालिक बना देते थे। इसके बाद इन महिलाओं के नाम से विवादित प्लॉट बेच दिए जाते थे।
रेनू के खाते में 3 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन पाया गया है, जबकि उसे केवल 15,000 रुपये दिए गए थे। यह गिरोह सस्ते दामों पर महिलाओं को दूसरे जिलों से लाकर उनका इस्तेमाल करता था।
फर्जी कागजों से करते थे धोखाधड़ी
गिरोह विवादित जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर विक्रेता और खरीदार को झूठे गवाहों के जरिए रजिस्ट्री करवाता था। असली खरीदार जब जमीन पर कब्जा लेने पहुंचते, तो उन्हें पता चलता कि जमीन पर पहले से विवाद चल रहा है या जमीन का असली मालिक कोई और है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ पिछले तीन हफ्तों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 13 से अधिक मुकदमे दर्ज किए हैं। गिरोह के सरगना सावन जायसवाल सहित लगभग आधा दर्जन लोगों को जेल भेजा जा चुका है। अब रेनू की गिरफ्तारी के बाद पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।
पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अगर वे बरेली में जमीन या प्लॉट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो पहले उस जमीन के दस्तावेजों की पूरी जांच-पड़ताल करें। फर्जीवाड़े का शिकार बनने से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है।
यह घटना बरेली में भूमाफियाओं के बढ़ते प्रभाव और उनके धोखाधड़ी के नए तरीकों को उजागर करती है। पुलिस की सक्रियता ने इस गिरोह की कमर तोड़ने का काम किया है, लेकिन यह सुनिश्चित करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वे जागरूक रहें और अपने अधिकारों की रक्षा करें।