अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
सलेमपुर(देवरिया), नगर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जी एम एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में श्रद्धा और गर्व के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी सहित समस्त शिक्षकों और छात्रों ने नेताजी को नमन करते हुए उनके महान योगदान को याद किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने इस मौके पर नेताजी के जीवन और उनके अद्वितीय संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह केवल एक व्यक्ति या महापुरुष ही नहीं, बल्कि ऊर्जा और प्रेरणा के अक्षय स्रोत थे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए असाधारण योगदान दिया, जिसका ऋण हम कभी नहीं चुका सकते।
शिक्षकों और वक्ताओं के विचार
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों ने नेताजी के विचारों और उनकी जीवनी से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंग साझा किए। वक्ता सुनील गुप्ता और धर्मेंद्र मिश्र ने नेताजी के नेतृत्व में गठित आजाद हिंद फौज के संघर्षों और बलिदानों को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन हमें निःस्वार्थ देशभक्ति और अदम्य साहस की प्रेरणा देता है।
प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा
“नेताजी के समय में जब भारत परतंत्र था, तब उन्होंने अनेक देशों – जापान, जर्मनी और बर्मा – के युवाओं को एकजुट कर आजाद हिंद फौज की स्थापना की और भारत की स्वतंत्रता का संकल्प लिया। उनके जोशीले शब्द ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ और ‘दिल्ली चलो’ आज भी हर भारतीय के हृदय में उत्साह और जोश भर देते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि नेताजी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्चे नेता वही होते हैं जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटते। उन्होंने व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं को त्यागकर देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।
छात्रों की भागीदारी और कार्यक्रम का समापन
इस अवसर पर कक्षा नौवीं से ग्यारहवीं तक के सभी छात्र-छात्राएं एवं विद्यालय के समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे। छात्रों ने नेताजी के जीवन से प्रेरित होकर देशभक्ति से ओतप्रोत संकल्प लिए।
कार्यक्रम का संचालन आशुतोष तिवारी ने कुशलतापूर्वक किया। अंत में सभी उपस्थितजनों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जय-जयकार करते हुए उनके सिद्धांतों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।