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9 January 2025 11:45 am

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फेसबुक पर पनपे प्यार ने पति से ऐसी बगावत पैदा कर दी कि प्रेमी संग जिंदगी नरक बना बैठी

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक चौंकाने वाले मामले में कोर्ट ने पति की हत्या के मामले में आरोपी पत्नी को आजीवन कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 

घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया ने रिश्तों में नई समस्याओं को जन्म दिया है।

फेसबुक से शुरू हुई दोस्ती, प्रेम में बदलकर बनी हत्या की वजह

2023 की शुरुआत में आरती नामक महिला और भुता थाना क्षेत्र के गांव केसरपुर के एक किशोर के बीच फेसबुक के जरिए दोस्ती हुई। यह दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। जब आरती के पति रोहित कुमार को इस रिश्ते का पता चला, तो उसने इसका विरोध किया। विरोध इतना बढ़ गया कि रोहित ने आरती के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस तनावपूर्ण माहौल में आरती और उसके किशोर प्रेमी ने मिलकर रोहित की हत्या की साजिश रच डाली।

हत्या की साजिश और वारदात

8 जनवरी 2023 की रात को, जब रोहित शराब के नशे में था, तो आरती और उसके किशोर प्रेमी ने दो अन्य किशोरों की मदद से वारदात को अंजाम दिया। जब रोहित फर्श पर गिरा, तो आरती ने उसके पैर पकड़ लिए और एक किशोर ने उसकी गर्दन दबा दी। इसके बाद, दूसरे किशोर ने हंसिए से रोहित की गर्दन पर कई वार किए। रोहित की मौत के बाद, शव को खेत में फेंक दिया गया और सभी आरोपी वहां से भाग गए।

पुलिस जांच और अहम सबूत

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की। घटनास्थल से खून से सनी साड़ी के टुकड़े, मिट्टी और चप्पल के निशान जैसे अहम सबूत मिले। इन सबूतों ने आरती और अन्य आरोपियों को फंसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस ने आरती को गिरफ्तार कर लिया और अदालत में पेश किया।

कोर्ट का फैसला और आरती की माफी की गुहार

सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 14 के ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरती को दोषी ठहराया। कोर्ट ने आरती को आजीवन कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। फैसले के समय आरती अदालत में फूट-फूटकर रो पड़ी और माफी मांगने लगी। लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए सजा सुनाई कि आरती के अपराध की सजा माफी से नहीं हो सकती।

समाज के लिए संदेश

यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि रिश्तों में विश्वास और पारदर्शिता की कमी कितनी घातक हो सकती है। सोशल मीडिया के जरिए बनने वाले रिश्तों के प्रति सतर्क रहना और परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझना आज की जरूरत है। कोर्ट का यह फैसला न्याय की जीत और सामाजिक मूल्यों को संरक्षित करने का प्रतीक है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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