सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
देवरिया। जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने जानकारी दी है कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन अनुभाग-2, लखनऊ द्वारा जारी अधिसूचना के अंतर्गत दान विलेखों पर स्टाम्प शुल्क में विशेष छूट प्रदान की गई है। इस नियम के तहत, परिवार के सदस्यों के बीच संपत्ति का दान करने पर अधिकतम 5,000 रुपये का स्टाम्प शुल्क निर्धारित किया गया है।
किन्हें मिलेगा यह लाभ?
इस छूट का लाभ केवल परिवार के निकटतम सदस्यों को दिया जाएगा। इसमें शामिल हैं:
पुत्र, पुत्री, माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्रवधू, सगा भाई (मृत भाई की स्थिति में उसकी पत्नी), सगी बहन, दामाद (पुत्री का पति), पौत्र/पौत्री (पुत्र या पुत्री के बच्चे)
आवश्यक दस्तावेज और शर्तें
इस छूट का लाभ लेने के लिए प्रेरणा सॉफ्टवेयर पर निम्नलिखित प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य है:
1. संपत्ति का स्रोत प्रमाणित करने वाले दस्तावेज।
2. दानकर्ता और दानग्राही के बीच संबंध का प्रमाण।
3. मृत भाई की पत्नी को दान देने के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र।
4. संपत्ति का जियोटैग फोटोग्राफ या उसका अक्षांश-देशांतर।
दान विलेख अधिसूचना के प्रावधानों के अनुरूप होना चाहिए। दानदाता और दानग्राही केवल जैविक व्यक्ति (प्राकृतिक व्यक्ति) होने चाहिए, और संपत्ति किसी कंपनी, फर्म, संस्था, या सोसायटी के नाम पर नहीं होनी चाहिए।
निबंधन शुल्क में छूट नहीं
स्टाम्प शुल्क में छूट केवल स्टाम्प शुल्क तक सीमित है। निबंधन शुल्क का भुगतान संपत्ति के मूल्य का एक प्रतिशत होगा, जो 13 फरवरी 2020 को जारी अधिसूचना के अनुसार लागू है।
कड़ी निगरानी और दंडात्मक कार्रवाई
जिलाधिकारी ने सभी उप निबंधकों को निर्देशित किया है कि वे अधिसूचना संख्या-18/2023/995/94-एस०आर०-2-2023-700 (29)/2021 सहित सभी संबंधित शासनादेशों का सख्ती से पालन करें। निरीक्षण में किसी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित उप निबंधक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्देश नागरिकों को सरकारी छूट का लाभ दिलाने के लिए शासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
Author: samachar
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