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7 January 2025 2:37 am

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कहीं, यह कलयुग के अंत का इशारा तो नहीं…? प्राचीन बावड़ी में खुदाई के दौरान हुआ खौफनाक खुलासा

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी इलाके में स्थित एक प्राचीन बावड़ी की खुदाई के दौरान कई चौंकाने वाले और खतरनाक घटनाक्रम सामने आए हैं। यह बावड़ी, जो कि इतिहास में लंबे समय तक गुमनामी में रही, अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अंतर्गत खुदाई का केंद्र बनी हुई है। खुदाई के दौरान कुछ ऐसे खतरनाक और रहस्यमय हालात उत्पन्न हुए कि एएसआई को तत्काल प्रभाव से खुदाई रोकनी पड़ी।

खुदाई के दौरान सामने आए खतरनाक हालात

यह प्राचीन बावड़ी, जो चंदौसी के लक्ष्मणकुंज इलाके में स्थित है, पिछले कुछ समय से खुदाई का केंद्र बनी हुई थी। बावड़ी के गहरे तल तक पहुंचने पर एएसआई की टीम को कई अप्रत्याशित खतरे दिखाई दिए। 

खासतौर पर बावड़ी के दूसरे तल पर ऑक्सीजन की कमी, गर्म धुएं का निकलना, और एक अजीब गंध का महसूस होना, जिसने इस स्थल को और भी रहस्यमय बना दिया। यह गंध किसी खतरनाक गैस के रिसाव का संकेत दे रही थी, जिससे श्रमिकों और पुरातत्वविदों के लिए अंदर काम करना असंभव हो गया।

एएसआई की टीम ने स्थिति को भांपते हुए तुरंत सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया और खुदाई का काम रोक दिया। टीम ने यह फैसला किया कि आगे की खुदाई और शोध कार्य पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ ही किया जाएगा।

गैस रिसाव और दीवार गिरने का खतरा

खुदाई के दौरान बावड़ी के दूसरे तल से अचानक खतरनाक गैस का रिसाव शुरू हो गया। विशेषज्ञों ने इसे गंभीरता से लिया क्योंकि गैस का रिसाव न केवल श्रमिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता था, बल्कि इसके कारण विस्फोट या अन्य दुर्घटनाएं भी हो सकती थीं।

इसके अलावा, बावड़ी के दूसरे तल पर संरचनात्मक समस्याएं भी सामने आईं। यहां की दीवारें कमजोर हो चुकी थीं और ईंटों का एक बड़ा हिस्सा टूटने की स्थिति में था। इससे दीवार गिरने का खतरा और बढ़ गया, जिससे एएसआई को तुरंत काम रोकने का आदेश देना पड़ा।

बावड़ी का ऐतिहासिक महत्व और निर्माण

यह प्राचीन बावड़ी राजा आत्माराम द्वारा बनवाई गई थी। उस समय इसे जल संरक्षण और धार्मिक गतिविधियों के लिए बनाया गया था। 

वर्षों तक यह बावड़ी स्थानीय निवासियों के उपयोग में रही, लेकिन बाद में अतिक्रमण और मलबे के ढेर के कारण यह गुमनामी में चली गई।

जब हाल ही में इसकी खुदाई शुरू हुई, तो इस ऐतिहासिक संरचना के कई अनदेखे पहलू सामने आए। बावड़ी के दूसरे तल तक पहुंचने के बाद मिली चुनौतियों और खतरों ने इसके ऐतिहासिक महत्व को और अधिक उजागर कर दिया है।

एएसआई की निगरानी में आगे की खुदाई

खुदाई की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है। एएसआई ने यह निर्णय लिया है कि आगे की खुदाई केवल उनकी निगरानी में और सख्त सुरक्षा उपायों के साथ की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बावड़ी की संरचना का अध्ययन करना और इसे सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।

रहस्यमय खुलासों से पुरातात्त्विक जगत में हलचल

इस बावड़ी की खुदाई ने पुरातत्व जगत में एक नई हलचल पैदा कर दी है। गहराई से अध्ययन और अनुसंधान के बाद ही यह पता लगाया जा सकेगा कि इन रहस्यमय परिस्थितियों का कारण क्या है। आगे की खुदाई और शोध से उम्मीद की जा रही है कि इस ऐतिहासिक स्थल के और भी अनमोल रहस्य उजागर होंगे।

सावधानी और सुरक्षा की प्राथमिकता

बावड़ी के अंदर की परिस्थितियां इस बात का संकेत हैं कि इस तरह के ऐतिहासिक स्थलों की खुदाई और संरक्षण में सावधानी और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एएसआई अब यह सुनिश्चित करेगा कि सभी तकनीकी और संरचनात्मक पहलुओं का ध्यान रखते हुए इस स्थल को सुरक्षित रूप से संरक्षित किया जाए।

यह प्राचीन बावड़ी हमारे इतिहास की एक महत्वपूर्ण धरोहर है, और उम्मीद है कि इसके अध्ययन और संरक्षण के माध्यम से हमारी आने वाली पीढ़ियां इसके महत्व को समझ सकेंगी।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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