कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या की दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। इस मामले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और एक आरोपी युवक ने पूछताछ के दौरान अपराध कबूल कर लिया है। युवक ने बताया कि उसने अपने पिता के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया।
हत्या के पीछे का रहस्य और चिट्ठी का खुलासा
इस हत्याकांड के बीच अब एक अहम चिट्ठी सामने आई है, जो घटना से 15 दिन पहले, 18 दिसंबर 2024 को लिखी गई थी।
यह चिट्ठी आगरा के रहने वाले बदरुद्दीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए लिखी थी। चिट्ठी में बदरुद्दीन ने अपने परिवार पर हो रहे अत्याचारों का विस्तार से जिक्र किया है।
क्या लिखा है चिट्ठी में?
बदरुद्दीन ने अपने पत्र में कहा है कि वह मुस्लिम समुदाय से हैं और उनके मोहल्ले के लोग उन्हें और उनके परिवार को लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। चिट्ठी में उन्होंने कुछ स्थानीय लोगों के नाम भी लिखे हैं और बताया है कि ये लोग झगड़ालू और बदमाश किस्म के हैं।
बदरुद्दीन ने लिखा कि “16 दिसंबर की शाम को मेरी 9 साल की छोटी बेटी आलिया को जानबूझकर एक ऑटो से टक्कर मारी गई। मैंने इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
इसके बाद 18 दिसंबर की सुबह कुछ स्थानीय मुस्लिम लोग उनके घर पर पहुंचे और उन पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। बदरुद्दीन ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने उनकी बेटियों के साथ बदतमीजी की और जब वह और उनका परिवार इन्हें रोकने गए, तो उनके साथ मारपीट की गई।
धर्म परिवर्तन की इच्छा और राम मंदिर बनाने की बात
चिट्ठी में बदरुद्दीन ने लिखा कि उनका परिवार इन अत्याचारों से तंग आ चुका है और हिंदू धर्म अपनाना चाहता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वह अपनी दुकान में श्रीराम का मंदिर बनाने का फैसला कर चुके हैं। बदरुद्दीन ने लिखा कि यह फैसला उन्होंने सोच-समझकर और मजबूरी में लिया है।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल
चिट्ठी में बदरुद्दीन ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने इस मामले में दो बार पुलिस को फोन किया, लेकिन पुलिस ने समय पर कोई कदम नहीं उठाया। बदरुद्दीन का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता के चलते उनका परिवार असुरक्षित महसूस कर रहा था।
हत्या का मामला और जांच
इस हत्याकांड में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने पूछताछ के दौरान अपराध स्वीकार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अपने पिता के साथ मिलकर पूरे परिवार को खत्म कर दिया। इस मामले में अब प्रशासन की लापरवाही और चिट्ठी के आरोपों की भी जांच की जा रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस हत्याकांड और चिट्ठी के सामने आने के बाद प्रशासन हर पहलू की गहराई से जांच कर रहा है। पुलिस का कहना है कि दोषियों को जल्द से जल्द कानून के कटघरे में लाया जाएगा और चिट्ठी में लगाए गए आरोपों की सत्यता भी जांची जाएगी।
सवालों के घेरे में व्यवस्था
यह घटना न केवल व्यक्तिगत स्तर पर एक परिवार की त्रासदी को उजागर करती है, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। क्या चिट्ठी में लिखी गई बातें समय रहते सुनी गई होतीं, तो क्या इस हत्याकांड को टाला जा सकता था? यह सवाल अब चर्चा का केंद्र बन गया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."