कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
शामली जनपद में महिला ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडेय की घूसखोरी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें निधि पांडेय एक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी करती नजर आ रही हैं। वीडियो में वह मेडिकल स्टोर संचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसे एफआईआर की धमकी देती हैं। इसके बाद संचालक से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है।
छापेमारी की आड़ में रिश्वत की मांग
मामला शामली के मोहल्ला कलंदर का है, जहां ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडेय अपने स्टाफ के साथ एक मेडिकल स्टोर पर पहुंचीं। उन्होंने स्टोर में रखी दवाइयों की जांच शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने स्टोर संचालक पर कई अनियमितताओं के आरोप लगाए। वीडियो में निधि पांडेय स्टोर पर नारकोटिक्स की दवाइयों और खुले इंजेक्शन मिलने की बात कहती दिख रही हैं। साथ ही, यह भी कह रही हैं कि स्टोर पर कोई केमिस्ट मौजूद नहीं है।
निधि पांडेय संचालक को धमकाते हुए कहती हैं कि यदि व्यवस्था नहीं की गई, तो एफआईआर दर्ज करवा दी जाएगी। वीडियो में वह कहती हैं, “तुम मेडिकल स्टोर चलाना ही नहीं चाहते। डिमांड पूरी करो और आराम से काम करो। वरना स्टोर बंद करवाने के लिए सबूत काफी हैं।”
रिश्वत की पेशकश
वीडियो में देखा जा सकता है कि संचालक, जिसका नाम आमिर बताया जा रहा है, डर के मारे 20-30 हजार रुपये रिश्वत देने की पेशकश करता है। लेकिन निधि पांडेय 50 हजार रुपये की मांग पर अड़ी रहती हैं। इस दौरान निधि का प्राइवेट असिस्टेंट पूरे घटनाक्रम को अपने कैमरे में कैद कर लेता है। बाद में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
मेडिकल स्टोर संचालकों पर दबाव और अनियमितताएं
शामली में करीब 1700 मेडिकल स्टोर हैं, जिनमें से अधिकांश ड्रग इंस्पेक्टरों के रहमोकरम पर चल रहे हैं। इन स्टोर्स पर अनियमितताओं की भरमार है, लेकिन ‘सुविधा शुल्क’ के जरिए इन्हें चालू रखा जा रहा है। इस प्रक्रिया में मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है।
प्रशासनिक कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मच गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता और मेडिकल संचालकों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अब देखना यह है कि इस घटना पर प्रशासन क्या कदम उठाता है और घूसखोरी के इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई होती है।