जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
बलिया जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था की सुचारू निगरानी के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) देवेंद्र गुप्ता ने कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान बड़ी लापरवाहियाँ सामने आईं, जहां तीन विद्यालयों में कुल 20 शिक्षक और 6 शिक्षणेत्तर कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। इस पर डीआईओएस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी अनुपस्थित शिक्षकों और कर्मचारियों का उस दिन का वेतन अवरुद्ध करने का आदेश जारी किया तथा दो दिन के भीतर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।
निरीक्षण के दौरान मिली खामियां
निरीक्षण के क्रम में डीआईओएस सबसे पहले श्री रामशरण सिंह इंटर कॉलेज, शिवपुर बसंतपुर पहुंचे। यहां की स्थिति बेहद चिंताजनक थी, क्योंकि प्रधानाचार्य का कार्यालय बंद मिला और वे विद्यालय में उपस्थित नहीं थे। इसके अलावा, विद्यालय के कुल 15 अध्यापक और तीन शिक्षणेत्तर कर्मचारी भी गैरहाजिर पाए गए, जिससे प्रशासनिक कार्य और शिक्षण गतिविधियाँ प्रभावित हो रही थीं।
इसके बाद श्री शिवमंगल सिंह इंटर कॉलेज, बेरूआरबारी का निरीक्षण किया गया। यहां भी अनियमितताओं का सिलसिला जारी रहा। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य किसी प्रशिक्षण में भाग लेने के कारण अनुपस्थित थे, जबकि चार शिक्षक बिना किसी सूचना के विद्यालय से नदारद मिले। इस पर डीआईओएस ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों का वेतन रोकते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के तीसरे चरण में डीआईओएस का काफिला राष्ट्रीय इंटर कॉलेज, करम्मर पहुंचा। यहां भी स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई। प्रधानाचार्य किसी प्रशिक्षण में भाग लेने के कारण विद्यालय में मौजूद नहीं थे, जबकि एक सहायक अध्यापक, एक प्रधान सहायक और दो परिचारक बिना सूचना के अनुपस्थित थे।
डीआईओएस की सख्ती और निर्देश
निरीक्षण के दौरान मिली खामियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक ने संबंधित प्रधानाचार्यों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अनुपस्थित शिक्षकों और कर्मचारियों के बारे में 31 जनवरी तक विस्तृत रिपोर्ट (आख्या) प्रस्तुत करें। साथ ही, विद्यालयों में छात्र-छात्राओं का अपार आईडी नामांकन कार्य भी तीन दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
इस निरीक्षण के बाद शिक्षा विभाग ने यह संकेत दिया है कि विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर प्रशासन सख्त रुख अपनाएगा। विद्यालयों में शिक्षण कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने और विद्यार्थियों की नियमित पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण जारी रहेंगे।