कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का वंदे भारत ट्रेन को लेकर किया गया दावा विवादों में आ गया है। अखिलेश यादव ने मंगलवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए कहा कि वंदे भारत ट्रेन अपने रास्ते से भटक गई और गलत दिशा में चली गई। उन्होंने केंद्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकारों पर कटाक्ष करते हुए इसे “डबल इंजन” सरकार की विफलता बताते हुए “डबल ब्लंडर” करार दिया।
हालांकि, उनके इस दावे को भारतीय रेलवे की मुंबई इकाई ने खारिज कर दिया। रेलवे के अधिकारियों ने इसे “तथ्यात्मक रूप से गलत” बताया और कहा कि ट्रेन को तकनीकी कारणों से रूट डायवर्ट किया गया था। रेलवे के मुताबिक, ठाणे जिले के दिवा स्टेशन पर सिग्नलिंग और दूरसंचार प्रणाली में आई तकनीकी खराबी के कारण ट्रेन को अस्थायी रूप से दूसरे मार्ग की ओर मोड़ना पड़ा।
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने स्पष्ट किया कि तकनीकी समस्या के बावजूद ट्रेन ने अपने गंतव्य तक पहुंचने में कोई बाधा नहीं आने दी। ट्रेन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई से रवाना होकर निर्धारित गंतव्य मडगांव स्टेशन (गोवा) तक पहुंची। हालांकि, इस प्रक्रिया में यात्रा में लगभग 90 मिनट की देरी जरूर हुई।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सिग्नलिंग की विफलता के कारण वंदे भारत एक्सप्रेस को मुख्य मार्ग के बजाय दिवा-पनवेल रेलवे लाइन पर डायवर्ट किया गया, जिससे ट्रेन कल्याण स्टेशन की ओर चली गई। इसके बाद ट्रेन को सही मार्ग पर लाकर उसकी यात्रा को बहाल किया गया।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था, “रास्ता भटक गई वंदे भारत – जाना था गोवा, निकल गई कल्याण।” उनके इस बयान ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया, लेकिन रेलवे ने तकनीकी कारणों को दोष देते हुए स्थिति को स्पष्ट कर दिया।
यह घटना उन समस्याओं को उजागर करती है, जिनका सामना भारत की हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं को करना पड़ रहा है। साथ ही, यह भी दिखाता है कि राजनीतिक दल इन घटनाओं का इस्तेमाल एक-दूसरे पर कटाक्ष करने के लिए कैसे करते हैं।