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26 December 2024 9:20 pm

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पीछे पकती थी बिरयानी, देवस्थान में भरा हुआ था कूड़ा, मंदिरों के अस्तित्व को ऐसे तहस नहस किया गया

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

कानपुर। मंदिरों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का अभियान तेज हो गया है। इससे पहले वाराणसी और संभल में भी इस तरह की कार्रवाई देखी गई थी। कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय ने इस अभियान की बागडोर खुद संभाल ली है। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम बहुल इलाकों में लगभग 125 मंदिरों पर अवैध कब्जे हैं। महापौर ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि मंदिरों को खाली किया जाए, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अवैध कब्जों पर महापौर का सख्त रुख

महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा, “हमारे नाले और फुटपाथ खाली कर दो। मंदिरों पर कब्जा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं फिर निरीक्षण करने आऊंगी। अगर कब्जे हटे नहीं मिले, तो बुलडोजर चलाया जाएगा।”

शटरों में बंद पड़े मंदिर

नगर निगम के सर्वेक्षण में पाया गया कि करीब 120 से अधिक मंदिर, विशेष रूप से बेकनगंज के सुनार वाली गली जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में, बंद पड़े हैं। इन मंदिरों पर कब्जा कर उनके आगे शटर लगा दिए गए हैं। महापौर ने मंदिरों का दौरा करते समय शटर में लगे ताले तोड़ने का भी प्रयास किया। कई स्थानों पर मंदिरों की जगह पर अवैध निर्माण पाया गया।

मूर्ति गायब होने की जांच होगी

महापौर ने बताया कि मंदिर प्रांगण में कब्जे को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जहां-जहां मूर्तियां गायब हैं, उनकी जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कब्जा मुक्त कराए गए मंदिरों का पुनरुद्धार किया जाएगा और वहां पूजा-अर्चना फिर से शुरू की जाएगी।

तोड़फोड़ और चेतावनी

निरीक्षण के दौरान महापौर ने राधा-कृष्ण मंदिर का भी दौरा किया। हालांकि, वहां कोई कब्जा नहीं मिला, लेकिन मंदिर खंडहर में तब्दील हो चुका था। आसपास के हिस्से में बिरयानी पकाने और कूड़ा भरा होने की शिकायतें मिलीं। महापौर ने निर्देश दिया कि इन मंदिरों की स्थिति सुधारी जाए और कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

अभियान में भारी सुरक्षा बल तैनात

इस अभियान के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल और नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे। महापौर ने स्पष्ट किया कि यदि कब्जेदार स्वेच्छा से जगह खाली नहीं करते, तो कानूनी तरीके से उन्हें हटाया जाएगा।

महापौर का संदेश

महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा, “मैंने चेतावनी दे दी है। अब कब्जेदारों को खुद स्थान खाली करना होगा। फिर मत कहना कि मैंने बताया नहीं।”

अंतिम लक्ष्य

महापौर ने आश्वासन दिया कि सभी मंदिरों को कब्जा मुक्त कराकर पुनः पूजा-अर्चना शुरू की जाएगी। यह अभियान न केवल धार्मिक स्थलों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि अवैध अतिक्रमण पर भी सख्ती से लगाम लगाएगा।

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