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19 December 2024 2:49 am

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अगली बार देख लेना….खुलेआम योगी जी को धमका रहे हैं शिवपाल यादव जी, पूरी खबर पढिए

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र के पहले ही दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा को लेकर विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने दावा किया कि 2017 में उनकी सरकार के गठन के बाद प्रदेश में दंगों की घटनाओं में 95 से 97 प्रतिशत तक की कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा, “2017 के पहले प्रदेश में साम्प्रदायिक घटनाएं आम थीं, लेकिन 2017 के बाद एक भी दंगा नहीं हुआ।”

योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को उपचुनाव के नतीजों की याद दिलाते हुए कहा कि जनता ने वोट के माध्यम से अपना स्पष्ट संदेश दिया है। उन्होंने कुंदरकी उपचुनाव के परिणाम का हवाला देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी इस नतीजे से बौखलाई हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा, “सीसामऊ और करहल जैसे क्षेत्रों में भी सपा का जनाधार घटा है। करहल में पिछली बार 67 हजार का अंतर था, जो इस बार घटकर 14 हजार पर आ गया।”

इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव पर भी तंज कसते हुए कहा, “अगर चाचू (शिवपाल यादव) की थोड़ी और कृपा हो गई होती, तो सपा का सफाया हो गया होता।” मुख्यमंत्री के इस बयान पर शिवपाल यादव खड़े हो गए और उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, “अगली बार देख लेना।”

मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था पर बोलते हुए सांप्रदायिक सौहार्द की वकालत की। उन्होंने कहा, “अगर हिंदू बहुल इलाकों में मुस्लिम जुलूस निकल सकता है, तो मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदू जुलूस क्यों नहीं निकल सकता?” उन्होंने इसे विवाद की असली वजह बताया।

योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकार हर घटना पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा, “हम न बटेंगे और न कटेंगे।” उन्होंने समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मुझे आश्चर्य होता है कि संग्राम सिंह यादव खुद को शिक्षक कहते हैं।”

संभल में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच पहले भी हिंसा की घटनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी धार्मिक आयोजनों को शांतिपूर्वक संपन्न कराया है। उन्होंने कहा, “पिछले सात सालों में प्रदेश में सभी त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए गए। अयोध्या में भगवान राम के कार्यक्रम के दौरान भी जो भय पैदा किया जाता था, वह समाप्त हो गया है।”

मुख्यमंत्री ने इकबाल की कविता का संदर्भ देते हुए विपक्ष से पूछा कि क्या वे इकबाल को अपना आदर्श मानते हैं? उन्होंने कहा कि इकबाल की कविताओं से वास्तविकता को नहीं छुपाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन ने हर घटना पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की है।

विधानसभा में इस सत्र के दौरान मुख्यमंत्री के तेवर से साफ था कि वे कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करने के लिए पूरी तरह तैयार थे।

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