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19 December 2024 2:25 pm

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न सिंदूर ना फेरे और हो गई शादी… मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का ऐसा नजारा… न देखा, न सुना

196 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

कानपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत आयोजित नौ अलग-अलग समारोहों में कुल 337 जोड़ों ने शादी की। हालांकि, कुछ आयोजनों में विवाह की प्रक्रियाएं संदेह के घेरे में आ गईं, जब सामने आए वीडियो में वर-वधू बिना फेरे लिए और बिना सिंदूर लगाए केवल वरमाला पहनकर शादी की औपचारिकता पूरी करते नजर आए। इसके बाद वे सरकारी सहायता राशि और उपहार लेकर चले गए। कई दुल्हनें ससुराल न जाकर मायके लौट गईं। इन घटनाओं के सामने आने पर कार्यक्रम पर फर्जीवाड़े के आरोप लगने लगे हैं।

देर से पहुंचने पर खुद ही पहन ली वरमाला

विवाह समारोह में पहुंचे सौरभ (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वे सुबह 10 बजे गेस्ट हाउस पहुंचे थे। वहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि सामूहिक विवाह स्थल बदल दिया गया है। नए गेस्ट हाउस पहुंचने में देर हो गई, जिसके कारण विवाह की रस्में नहीं हो पाईं। जब उन्होंने विरोध किया तो कर्मचारियों ने कहा, “जल्दी-जल्दी खुद ही वरमाला पहन लो।” मजबूरी में उन्हें और अन्य वर-वधुओं को स्वयं ही वरमाला पहननी पड़ी और इसी के साथ विवाह की औपचारिकता पूरी कर ली गई।

विवाह समारोह का दृश्य

14 दिसंबर को हुए इन समारोहों के कई वीडियो सामने आए हैं। बिधनू ब्लॉक के वीडियो में कुछ वर-वधू खुद ही वरमाला पहनते नजर आ रहे हैं। फोटो खिंचवाने के बाद वे गिफ्ट और सहायता राशि लेकर चले गए। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें 11 दिसंबर को वैरिफिकेशन के दौरान वापस कर दिया गया था। फिर 14 दिसंबर को नए गेस्ट हाउस में सुबह 10 बजे बुलाया गया, लेकिन पहुंचने में देर होने की वजह से रस्में अधूरी रह गईं।

खरमास के कारण ससुराल नहीं गईं दुल्हनें

शादी के बाद कई दुल्हनें ससुराल जाने के बजाय मायके लौट गईं। परिजनों का कहना है कि 14 दिसंबर से खरमास शुरू हो गया है, इसलिए अब सहालग आने पर विधिवत रीति-रिवाजों के साथ शादी कराई जाएगी, फिर दुल्हन को ससुराल भेजा जाएगा।

51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत हर जोड़े को 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसमें 35 हजार रुपये दुल्हन के बैंक खाते में जमा होते हैं, 10 हजार रुपये के उपहार दिए जाते हैं, और बाकी राशि विवाह आयोजन पर खर्च होती है। आरोप हैं कि इसी आर्थिक मदद और उपहारों के लिए कुछ जोड़ों ने दिखावे के लिए विवाह की रस्में निभाईं।

अधिकारियों का बयान और जांच के आदेश

खंड विकास अधिकारी सच्चिदानंद मिश्रा ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि कुछ जोड़े देर से आए थे, इसलिए उन्होंने जल्दबाजी में खुद ही वरमाला पहन ली। हालांकि, उनका रजिस्ट्रेशन था। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

फर्जीवाड़े की जांच की मांग

इस घटना के वीडियो वायरल होने के बाद विवाह समारोह में गड़बड़ी के आरोप और तेज हो गए हैं। लोगों का कहना है कि ऐसी शादियों की गहन जांच होनी चाहिए ताकि सरकारी योजनाओं का गलत लाभ न उठाया जा सके।

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