कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
सबल्टर्न पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पत्रकारों और समाजसेवियों को सम्मानित करने हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए पत्रकारों, संपादकों और बुद्धिजीवियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को दीप प्रज्वलित कर और पुष्पांजलि अर्पित करके की गई। संविधान की प्रस्तावना का पाठ करते हुए कार्यक्रम का आरंभ हुआ, और समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इस अवसर पर बिहार से भागीरथी वर्मा, सम्यक भारत के संपादक श्री के. पी. मौर्य, डी डी एन हिंदी के बैभव कुमार कारन, प्रसून लतांत, गौतम रतन, कीर्ति कुमार और गुजरात से बी. एन. लता को सम्मानित किया गया।
इसी तरह, राजस्थान से सन सिटी प्रहरी के संपादक श्री विक्रम चौहान और दिल्ली से राबता टाइम्स के मो. इकबाल खान को उनकी पत्रकारिता के लिए पुरस्कृत किया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनोज कुमार केन, एडवोकेट श्री अनुज कुमार, पुणे से हेमलता म्हिसके और शिवेंद्र कुमार को भी उनके समर्पित कार्य के लिए सम्मान मिला।
इसके अतिरिक्त, गाजियाबाद के एस. डी. इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल देवेंद्र कुमार देव, सुरेंद्र भारती, और किशन लाल भारती को वंचित समाज के उत्थान में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग बेहद उत्साहित और प्रसन्न दिखे। कार्यक्रम का उद्देश्य पत्रकारिता के उस पहलू को प्रोत्साहित करना था, जो बहुजन और वंचित समाज की आवाज को बुलंद करता है। टाउनहाल के संपादक और डॉ. बी. आर. आंबेडकर सबल्टर्न जर्नलिज्म अवार्ड के संस्थापक श्री सुरेंद्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा,
“यह अवार्ड केवल सम्मान नहीं, बल्कि एक नए युग की घोषणा है। यह एक जश्न है, उस पत्रकारिता का जो बहुजन समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि अपनी विचारधारा को मजबूत करते हुए, समाज को संगठित और सशक्त करने की जरूरत है। जितनी अधिक संख्या और शक्ति होगी, उतने ही अधिक अधिकार और हक की मांग को मजबूती मिलेगी।
इस सम्मान समारोह ने पत्रकारिता के नए आयामों को छूते हुए, सबल्टर्न समाज के लिए संघर्षरत पत्रकारों और समाजसेवियों के प्रयासों को एक मंच पर लाकर उनके कार्य की सराहना की।