कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में गरीब बुजुर्गों को राहत देने के उद्देश्य से चलाई जा रही वृद्धावस्था पेंशन योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। योजना के तहत मिलने वाली एक हजार रुपये की पेंशन में ऐसे लोग भी लाभ उठा रहे हैं जो आयकर देते हैं और इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरते हैं। इस फर्जीवाड़े का खुलासा राज्य में चल रही राशन कार्ड जांच और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की जानकारी के मिलान के दौरान हुआ है।
गाजियाबाद में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुई जांच
समाज कल्याण विभाग ने इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। सबसे पहले गाजियाबाद जिले को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया, जहां 500 से 700 ऐसे संदिग्ध लाभार्थी मिले हैं। ये वे बुजुर्ग हैं, जो एक ओर तो वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आयकर रिटर्न भी दाखिल कर रहे हैं। विभाग ने ऐसे लाभार्थियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।
गलत तरीके से ली गई पेंशन की होगी वसूली
समाज कल्याण विभाग के मुताबिक, अगर जांच में यह साबित होता है कि किसी ने गलत तरीके से पेंशन का लाभ उठाया है, तो उससे पूरी रकम ब्याज समेत वापस वसूली जाएगी। जिन लाभार्थियों ने वर्षों से यह पेंशन प्राप्त की है, उनसे उस पूरी अवधि की राशि लौटाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही, रिकवरी में अड़चन डालने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
वृद्धावस्था पेंशन के लिए निर्धारित मानक
उत्तर प्रदेश सरकार की वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ केवल उन्हीं बुजुर्गों को मिल सकता है जो गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) जीवनयापन कर रहे हैं। पेंशन के लिए लाभार्थी की उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा, सालाना आय भी निर्धारित मानक के तहत होनी चाहिए।
शहरी क्षेत्रों के लिए: अधिकतम सालाना आय 56,460 रुपये।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए: अधिकतम सालाना आय 46,080 रुपये।
बुजुर्गों को मिलती है 1,000 रुपये मासिक पेंशन
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 55,99,877 बुजुर्ग इस योजना के तहत पेंशन पा रहे हैं। इन लाभार्थियों को हर महीने एक हजार रुपये की पेंशन दी जाती है, जो तिमाही आधार पर उनके बैंक खातों में जमा की जाती है।
अधिकारियों का क्या कहना है?
समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि यह मामला विभाग के संज्ञान में आया है। ऐसे बुजुर्ग, जो पेंशन लेने के पात्र नहीं हैं लेकिन फिर भी लाभ ले रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद इनसे गलत तरीके से ली गई पेंशन की रिकवरी की जाएगी।
फर्जीवाड़े पर सख्ती की तैयारी
यह मामला प्रदेश में सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग की गंभीर समस्या को उजागर करता है। सरकार अब सख्ती से ऐसे मामलों को निपटाने की तैयारी में है ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को ही इस योजना का लाभ मिल सके।