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27 December 2024 11:15 pm

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31 साल बाद “खोया हुआ बेटा” बनकर लौटा राजू, नौ परिवारों की भावनाओं से खिलवाड़ का खुला राज

211 पाठकों ने अब तक पढा

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

गाजियाबाद में एक ऐसी कहानी ने सभी का ध्यान खींचा है, जिसने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश के कई राज्यों में हलचल मचा दी है। यह कहानी है राजू नाम के एक व्यक्ति की, जो 31 साल बाद एक परिवार का खोया हुआ बेटा बनकर लौटा। उसका आगमन उस परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। मां, जो वर्षों से अपने बेटे की वापसी के लिए भगवान से प्रार्थना कर रही थी, उसे देखकर गदगद हो उठी।

परिवार में लौटी खुशियां

राजू को देखकर मां ने तुरंत उसे गले से लगा लिया और उसके लिए बलाएं लेने लगी। पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। घर में खुशी का माहौल छा गया, और पड़ोस की महिलाएं इस चमत्कारी पुनर्मिलन की बधाई देने आने लगीं। भाई-बहन और बच्चों ने भी खुशी में झूमकर इस पल का स्वागत किया। परिवार की मां ने इसे भगवान हनुमान जी की कृपा बताया और कहा कि उनकी तपस्या रंग लाई है।

असलियत से उठा पर्दा

लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाई। परिवार को पता चला कि जिसे वे अपना खोया हुआ बेटा समझ रहे थे, वह असल में एक ठग था। राजू ने न केवल इस परिवार बल्कि अब तक नौ अन्य परिवारों को इसी तरह धोखा दिया है। वह उन परिवारों को निशाना बनाता है जिनका बेटा सालों पहले खो चुका होता है। खुद को उनका बेटा साबित करके वह परिवार का विश्वास जीतता है और कुछ समय बाद वहां से फरार हो जाता है।

राजस्थान से गाजियाबाद तक ठगी का सफर

पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि राजू राजस्थान का रहने वाला है। उसने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान सहित कई राज्यों में “खोया हुआ बेटा” बनकर अपनी ठगी को अंजाम दिया है। राजू ने स्वीकार किया है कि बचपन में ही उसके परिवार ने उसे घर से निकाल दिया था। इसके बाद उसने अपने जीवन को इस ठगी के तरीके से जीने का साधन बना लिया।

सोशल मीडिया से हुआ पर्दाफाश

राजू के ठगी के खेल का भंडाफोड़ एक यूट्यूब वीडियो के कमेंट की वजह से हुआ। वीडियो पर आए एक कमेंट ने पुलिस को उसकी सच्चाई तक पहुंचने में मदद की। पुलिस ने राजू के खिलाफ जांच शुरू की और उसके नौ मामलों का पता लगाया।

पुलिस की जांच जारी

पुलिस ने राजू के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। राजस्थान के सीकर जिले के परिवार से वेरिफिकेशन भी किया जा चुका है। फिलहाल पुलिस ने सभी नौ परिवारों से संपर्क कर लिया है और जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि राजू खुद अपना सच बता रहा है लेकिन अब भी उसके सभी राज सामने नहीं आए हैं।

काम की जिम्मेदारी से करता था भागने की कोशिश

पुलिस के अनुसार, राजू जहां भी गया, उसने परिवार के प्यार और भावनाओं का फायदा उठाया। लेकिन जैसे ही उसे जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ता, वह वहां से भाग जाता। काम से बचने के लिए उसने इस ठगी को अपनी जीवनशैली बना लिया।

लोगों में आक्रोश और हैरानी

राजू की कहानी ने सोशल मीडिया और आम जनता के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। लोग इस तरह की भावनात्मक ठगी से हैरान हैं और उसे लेकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं।

यह घटना समाज में जागरूकता और सतर्कता की जरूरत को रेखांकित करती है। साथ ही, यह बताती है कि भावनाओं का गलत इस्तेमाल करने वाले लोग कितने खतरनाक हो सकते हैं।

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