सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता गुरुवार को विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन गई। शहर की सड़कों पर दो बड़े समुदायों के प्रदर्शन ने जनजीवन और यातायात व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया।
एक ओर हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ कथित अत्याचारों को लेकर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ व्यापक विरोध दर्ज कराया।
मुस्लिम संगठनों का वक्फ विधेयक के खिलाफ विरोध
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय में गहरी असंतुष्टि देखी गई। इस संदर्भ में पश्चिम बंगाल स्टेट जमीयत-उल-उलमा की ओर से एक विशाल सभा आयोजित की गई, जिसमें मुस्लिम समुदाय के हजारों लोग शामिल हुए। इस सभा को संबोधित करते हुए जमीयत-उल-उलमा पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष और राज्य के जन शिक्षा विस्तार व पुस्तकालय सेवा मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने कहा,
“भारत का संविधान हर नागरिक को स्वतंत्रता प्रदान करता है। यदि कोई संविधान में छेड़छाड़ करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ विरोध होगा। वक्फ संशोधन विधेयक के माध्यम से सरकार ने सीधे संविधान पर हमला किया है। यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को छीनने और वक्फ संपत्तियों को नष्ट करने की साजिश है।”
सभा में फिलिस्तीन के समर्थन में भी आवाज उठाई गई और एक स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य की मांग की गई।
हिंदू संगठनों का बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए प्रदर्शन
वहीं दूसरी ओर, हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर कड़ा रुख अपनाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए।
कोलकाता की यातायात व्यवस्था प्रभावित
दोनों बड़े प्रदर्शनों ने कोलकाता की यातायात व्यवस्था को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम लग गया, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें और जगह-जगह ठप यातायात व्यवस्था ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
बढ़ता राजनीतिक विरोध
मुस्लिम संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर वक्फ संशोधन विधेयक को वापस नहीं लिया गया, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। वहीं हिंदू संगठनों ने भी केंद्र सरकार पर दबाव बनाया है कि वह बांग्लादेश के हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर कठोर कार्रवाई करे।
इस विरोध के चलते राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ पश्चिम बंगाल में विरोध की यह लहर आने वाले समय में और बढ़ सकती है।