कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस समय खाद की भारी किल्लत देखी जा रही है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि सहकारी समितियों के बाहर किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है। किसान रात-रात भर लाइनों में खड़े होकर खाद मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सुबह जब सहकारी समितियां खुलती हैं, तो खाद की अनुपलब्धता से उन्हें निराशा हाथ लगती है। इस संकट से किसानों में गुस्सा और असंतोष गहराता जा रहा है।
महोबा में उग्र किसानों ने की सहकारी समिति में तोड़फोड़
महोबा जिले में खाद की कमी के चलते किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। गुरुवार को पूरब साधन सहकारी समिति में किसानों ने ताला तोड़कर डीएपी खाद लूटने का प्रयास किया। इस दौरान महिलाओं और पुरुषों की भारी भीड़ जमा हो गई। घूंघट में खड़ीं महिलाओं तक ने इस लूट में भाग लिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिलाएं और पुरुष खाद की बोरियां उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
पुलिस और प्रशासन को करना पड़ा हस्तक्षेप
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस की मौजूदगी में किसानों को शांत कराया गया और खाद वितरण प्रक्रिया को लाइन लगाकर शुरू कराया गया।
किसानों का कहना है कि उनके खेत बर्बाद हो रहे हैं, और वे खाद के लिए कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं। बार-बार खाली हाथ लौटने से उनकी परेशानी बढ़ गई है। उनकी शिकायत है कि सहकारी समितियों पर खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचाई जा रही, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
हर समिति को दी गई सीमित मात्रा में खाद
जानकारी के अनुसार, महोबा जिले की हर सहकारी समिति को केवल 300 बोरी डीएपी खाद दी गई है, जबकि हजारों किसान खाद के लिए कतार में खड़े हैं। खाद की इस किल्लत ने जिले के कई हिस्सों में तनाव बढ़ा दिया है। कई जगहों पर किसानों ने सड़क जाम कर दिया और मारपीट की घटनाएं भी सामने आईं।
पूरब सहकारी समिति के सचिव लक्ष्मी ने बताया कि घटना के वक्त वे घर पर थे। किसानों ने उनकी समिति का ताला तोड़कर खाद की बोरियां बाहर निकाल लीं। उन्होंने कहा कि कितनी बोरियां कम हुई हैं, यह गिनती के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। इस घटना की जानकारी उन्होंने विभागीय अधिकारियों को दे दी है।
किसानों की विवशता और प्रशासन की चुनौती
खाद की कमी से किसान बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि समय पर खाद न मिलने से उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। वे बार-बार समितियों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो रही।
यह संकट केवल महोबा तक सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खाद की कमी के कारण किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। किसान नेताओं और विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और प्रशासन को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।
सरकार और प्रशासन से किसानों की अपील
किसानों ने मांग की है कि खाद की आपूर्ति बढ़ाई जाए और वितरण प्रक्रिया को सुचारू बनाया जाए। समय पर खाद न मिलने से न केवल उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी बिगड़ती जा रही है।
इस घटना ने खाद संकट की गंभीरता को उजागर किया है। यह सरकार और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि यदि इस समस्या का समाधान जल्दी नहीं किया गया, तो किसान आंदोलन और व्यापक रूप से उग्र हो सकता है।