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November 1, 2024 4:06 pm

अखिलेश ने सपा को “परिवारवाद” स्वीकारते हुए भाजपा को बताया “रिश्तेदारवादी” तो पढिए मंत्री असीम अरुण का पलटवार

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर एक बार फिर गहरा गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा अब ‘रिश्तेदारवादी’ हो गई है। शुक्रवार को करहल विधानसभा क्षेत्र के दिव्हुली में चौधरी नत्थू सिंह यादव डिग्री कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश ने भाजपा के परिवारवाद के आरोपों का करारा जवाब देते हुए कहा कि भाजपा अब खुद रिश्तेदारवाद की ओर बढ़ गई है। अखिलेश ने सपा के आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) खाते पर अपने संबोधन का एक अंश साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा उन पर और उनकी पार्टी पर अक्सर परिवारवाद का आरोप लगाती रही है, लेकिन अब भाजपा खुद इस आरोप में आगे बढ़ चुकी है।

भाजपा द्वारा करहल विधानसभा सीट पर अखिलेश यादव के चचेरे बहनोई अनुजेश यादव को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने अब अपने सिद्धांतों को खुद तोड़ दिया है। अनुजेश यादव समाजवादी पार्टी के आजमगढ़ से सांसद धर्मेन्द्र यादव के सगे बहनोई हैं। यह सीट 1993 से सपा का गढ़ मानी जाती है और यहां समाजवादी पार्टी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है क्योंकि भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव और सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव के बीच सीधा मुकाबला है। रिश्तों के लिहाज से अनुजेश तेज प्रताप के फूफा हैं।

यूपी में 13 नवंबर को नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे, जिनका परिणाम 23 नवंबर को घोषित किया जाएगा। अखिलेश ने अपने संबोधन में दावा किया कि भाजपा को पता है कि वह करहल और मिल्कीपुर सीटें नहीं जीत पाएगी। 

सपा की ओर से दावा किया गया कि भाजपा करहल सीट पर आंतरिक सर्वेक्षण में हार का सामना कर रही है, जिसके चलते भाजपा के नेता इस सीट पर चुनाव प्रचार में ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रहे। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर मिल्कीपुर का चुनाव टाल दिया है क्योंकि भाजपा के सर्वेक्षण में उनकी हार स्पष्ट दिखाई दे रही थी। उन्होंने कहा कि भाजपा जानती है कि करहल का गणित उनके पक्ष में नहीं है।

अखिलेश ने अपने संबोधन में भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार और कुशासन के भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा का गठबंधन प्रदेश में हारने जा रहा है और भाजपा को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने भाजपा पर राज्य के विकास में रुकावट डालने और प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। 

अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश के किसानों, युवाओं और व्यापारियों को धोखा दिया है। मंडियों को बर्बाद कर दिया गया है, और किसान सड़कों पर छुट्टा जानवरों के हमलों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि एक सप्ताह में छुट्टा जानवरों की समस्या का समाधान कर देंगे, लेकिन आज तक इस दिशा में कुछ नहीं किया गया।

वहीं, अखिलेश के इन आरोपों का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव के समर्थन में एक सभा को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि करहल में हो रही यह लड़ाई किसी परिवार के रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई नहीं, बल्कि नीतियों, सिद्धांतों और कानून-व्यवस्था की लड़ाई है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी और अपर पुलिस महानिदेशक रह चुके असीम अरुण ने अपने वक्तव्य में कानून व्यवस्था को लेकर सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह अलीगढ़ जिले में पुलिस सेवा में थे, तब मैनपुरी में अक्सर अपराधियों को गिरफ्तार किया जाता था। लेकिन पिछले सात वर्षों में प्रदेश में ऐसी घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था वही है, बस उसे लागू करने वाला बदल गया है। उन्होंने भाजपा सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में अब वही बुलडोजर है लेकिन उसे अब सही चालक मिल गया है।

असीम अरुण ने सपा द्वारा पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) के उत्थान की बात पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा सभी वर्गों के लिए काम कर रही है और समाज में किसी तरह के भेदभाव की राजनीति नहीं कर रही। उन्होंने जनता से भाजपा के पक्ष में समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि जनता यह तय करे कि क्या वे क्षेत्र में पुनः जंगलराज और अराजकता को वापस लाना चाहती है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."