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December 12, 2024 6:48 am

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उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव : इंडिया गठबंधन में दरार और एनडीए की एकजुटता के बीच गरमाती राजनीति

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनावों के माहौल में राजनीति बेहद गरमा गई है। प्रमुख राजनीतिक गठबंधन ‘इंडिया’ अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कर रहा है, वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी एनडीए भी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। इस संघर्ष में फूलपुर सीट पर हुए घटनाक्रम ने इंडिया गठबंधन की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुरेश यादव ने नामांकन दाखिल करके कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबंधन में आपसी मतभेद का संकेत दिया है।

इसी बीच, एनडीए के प्रमुख सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ. संजय निषाद ने लखनऊ में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा कर दी है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संजय निषाद ने स्पष्ट किया कि निषाद पार्टी का समर्थन भाजपा के साथ है और यह गठबंधन राज्य के नागरिकों के हित में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा की रणनीति

भाजपा ने उपचुनावों के लिए अपने सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाने में काफी मेहनत की है। 9 सीटों पर होने वाले इन उपचुनावों में उन्होंने सहयोगियों को साथ लेकर विवादों को टालने का प्रयास किया। उदाहरण के तौर पर मीरापुर सीट को राष्ट्रीय लोकदल को देकर विवादों से बचा गया, जबकि निषाद पार्टी को उनकी जीती हुई मझवां सीट पर संतुष्ट कर दिया गया। भाजपा की यह रणनीति एनडीए में एकता का संदेश देने के साथ-साथ टिकट बंटवारे में भी अनुकूलता बनाए रखने की दिशा में कारगर साबित हो रही है।

यही नहीं, करहल सीट पर अखिलेश यादव द्वारा सीट खाली किए जाने के बाद मुलायम सिंह यादव के परिवार के ही सदस्य को टिकट देकर संदेश दिया गया कि पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को भी सम्मान मिलेगा। इसी तरह गाजियाबाद सदर जैसी सीट पर एक पुराने कार्यकर्ता को टिकट देकर कैडर को विश्वास में लेने का संकेत दिया गया।

डॉ. संजय निषाद का बयान

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. संजय निषाद ने प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है और निषाद पार्टी इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई में भाजपा का साथ देगी। उन्होंने उपचुनावों में एनडीए की जीत का दावा करते हुए कहा कि यह गठबंधन जनता के हितों की रक्षा करेगा। डॉ. संजय निषाद ने नौ सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों की जीत का भी दावा किया और कहा कि उनकी पार्टी का उद्देश्य अब केवल सीटें जीतना नहीं बल्कि प्रदेश की जनता के मुद्दों का समाधान करना है।

एकजुटता का संदेश

इस संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस ने एनडीए में एकजुटता का संदेश देने का काम किया। उपचुनाव में मिलकर काम करने और सभी सीटों पर जीत का दावा करते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी विश्वास जताया कि एनडीए पूरी तरह से संगठित होकर चुनाव में उतरेगा और जनता का समर्थन हासिल करेगा। भाजपा के नेताओं का यह मानना है कि एनडीए के अंदरूनी रिश्ते मजबूत हैं और किसी भी प्रकार का टकराव नहीं है।

पोस्टर की राजनीति

इसके साथ ही, डॉ. संजय निषाद को लेकर लखनऊ में पोस्टरबाजी भी शुरू हो गई है। राजधानी में लगे पोस्टरों में डॉ. निषाद को ‘सत्ताइस का खेवनहार’ बताया गया है। यह पोस्टर उस समय लगे हैं जब हाल ही में अखिलेश यादव को लेकर भी इसी प्रकार का पोस्टर लगाया गया था, जिसमें उन्हें ‘सत्ताइस का सत्ताधीश’ कहा गया था। इस पोस्टरबाजी को राजनीति में पलटवार के रूप में देखा जा रहा है, जिससे चुनावी माहौल और भी गरमा गया है।

अंततः, इन उपचुनावों में भाजपा और एनडीए के अन्य सहयोगियों की एकजुटता और रणनीति को देखने के लिए सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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