Explore

Search

November 1, 2024 7:12 pm

उपद्रवियों की भेंट चढ़ गए शो रुम के मालिक की आपबीती हमेशा सबको डराएगी… 

2 Views

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बहराइच में 13-14 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुए विवाद में राम गोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी। 

सोमवार को जब गुस्साए लोगों ने राम गोपाल मिश्रा के शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू किया, तो स्थिति हिंसक हो गई। उपद्रवियों ने सड़क पर जो भी मिला उसे आग के हवाले कर दिया, जिसमें दुकानों, शोरूमों, घरों और अस्पतालों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं शामिल थीं।

इसी दौरान महाराजगंज में स्थित एक बाइक शोरूम को भी जला दिया गया, जिसमें 38 बाइकें खड़ी थीं। शोरूम के मालिक अनूप शुक्ला ने बताया कि हिंसा के समय वह गुड़गांव के एक अस्पताल में अपने दिल की जांच कराने गए थे। उन्हें अस्पताल में ही जानकारी मिली कि उनके शोरूम को जला दिया गया है। 

जब वे वापस लौटे, तो उन्होंने शोरूम को पूरी तरह से जला हुआ पाया। अनूप शुक्ला ने बताया कि यह बिल्डिंग मोहम्मद सईद की थी, जिसे उन्होंने किराए पर लिया था।

अनूप शुक्ला के अनुसार, शोरूम में खड़ी 38 गाड़ियां, जिनमें 34 बाइक, एक गाड़ी वर्कशॉप में और तीन कारें वॉशिंग एरिया में थीं, पूरी तरह जल गईं। साथ ही कैश काउंटर में रखे 4 लाख रुपए, कैश गिनने की मशीन और अन्य सामान भी जलकर खाक हो गया। 

उन्होंने बताया कि इस घटना में उनका करीब 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि इंश्योरेंस कंपनी ने उन्हें केवल 35 लाख रुपए का दावा देने की बात कही है, वो भी कब मिलेगा, यह तय नहीं है।

हिंसा की शुरुआत दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई। बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव निवासी राम गोपाल मिश्रा भी इस जुलूस में शामिल थे। जब जुलूस महराजगंज बाजार से गुजर रहा था, तो समुदाय विशेष के मोहल्ले में दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हो गई। 

आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे भगदड़ मच गई। इस बीच, राम गोपाल मिश्रा को एक घर की छत से गोली मारी गई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह छत अब्दुल हमीद की थी, जहां से फायरिंग की गई थी।

इस हिंसक झड़प के बाद बहराइच में तनाव व्याप्त हो गया, और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."