कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
अहमदाबाद, गुजरात । राजलक्ष्मी ट्रावेल्स एजेंट्स के माध्यम से वोल्वो बसों का इस्तेमाल कर अवैध काले कारोबार का बड़ा नेटवर्क चल रहा है, जिसमें करोड़ों रुपए की हेराफेरी शामिल है। इसमें परिवहन विभाग, सेल टैक्स अधिकारी, और पुलिस प्रशासन की संलिप्तता भी सामने आई है। अहमदाबाद से विभिन्न राज्यों की ओर जाने वाली टूरिस्ट बसों में यात्रियों के साथ न केवल दुर्व्यवहार किया जा रहा है, बल्कि उनकी सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।
दिनांक 11 अक्टूबर 2024 को अहमदाबाद से इलाहाबाद के लिए रवाना होने वाली वोल्वो बस (नंबर MP 07 P 4555) के यात्रियों को सुबह 7 बजे काशीराम स्थित राजलक्ष्मी ट्रावेल्स से रवाना किया गया। बस में केवल 12 यात्री थे, लेकिन करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक और ट्रैवल एजेंसी पर बस को रोककर अवैध तरीके से लगभग 40 कार्टन, 164 बैग सफेद पाउडर, और 50-लीटर ड्रमों में कैमिकल लोड किया गया। बताया गया कि यह कैमिकल 5000 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर बिकता है। इसके अलावा, बस में भारी वजन का सामान भी लोड किया गया, जिससे बस का कुल वजन लगभग 8 से 10 टन हो गया।
सामान लोड करने में यात्रियों को 6 घंटे का इंतजार करना पड़ा। जब कुछ यात्रियों ने इस पर आपत्ति जताई, तो बस चालक और स्टाफ ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और गाली-गलौच तक की। इसके बाद, बस लगभग दोपहर 1 बजे अहमदाबाद से इलाहाबाद के लिए रवाना हुई। लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बस का टायर अचानक फट गया, लेकिन बस चालक ने किसी तरह बस को नियंत्रित कर बड़ी दुर्घटना होने से बचा लिया। टायर की मरम्मत के लिए यात्रियों को और भी देर तक इंतजार करना पड़ा, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई।
झांसी टोल प्लाजा पर इनकम टैक्स अधिकारियों ने बस को रोकने की कोशिश की, लेकिन बस चालक ने रिश्वत देकर अधिकारियों को खरीद लिया। इसके बाद, 4 घंटे तक बस से अवैध सामान उतारा गया, जिससे यात्रियों का सफर और लंबा हो गया। उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचने में 36 घंटे का समय लग गया।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अहमदाबाद से लेकर अन्य राज्यों तक पुलिस और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। अहमदाबाद से रवाना होने वाली बसें उदयपुर, राजस्थान, और फिर मध्यप्रदेश की पुलिस की निगरानी में संचालित होती हैं। भ्रष्टाचार के इस गहरे जाल में शामिल अधिकारी अपने फायदे के लिए यात्रियों की जान को जोखिम में डाल रहे हैं।
अंततः, कानपुर देहात के भोगनीपुर में यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने बस चालक और खलासी को जमकर पीटा। इस हंगामे के बाद बस के कर्मचारी मौके से भाग खड़े हुए।
यह गंभीर घटना न केवल यात्रियों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैये को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि इस अवैध कारोबार और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कौन करेगा।
Author: samachar
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