ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
मेरठ के परीक्षितगढ़ स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में एक महिला शिक्षक, सुजाता यादव, द्वारा लापरवाही और गैर-हाजिरी का गंभीर मामला सामने आया है।
शिक्षक ने अपनी नियुक्ति के बाद अधिकांश समय स्कूल से गायब रहते हुए अपनी ड्यूटी में भारी अनियमितता दिखाई। आश्चर्यजनक रूप से, 2920 दिनों की सेवा अवधि में यह शिक्षक केवल 759 दिन ही स्कूल आई, जबकि उसकी उपस्थिति लगातार दर्ज होती रही और उसे नियमित वेतन मिलता रहा।
इस अनियमितता की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि विद्यालय के हेडमास्टर धर्म सिंह इस मामले में सीधे तौर पर शामिल थे।
हेडमास्टर लगातार शिक्षक की उपस्थिति दर्ज कर रहे थे, जिससे उसकी अनुपस्थिति छिपी रही। इस बात का पता तब चला जब लगातार अनुपस्थिति और छुट्टियों के बाद भी वेतन मिलते रहने पर उच्च अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू की।
बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी ने इस अनियमितता पर सख्त कार्रवाई करते हुए सुजाता यादव और हेडमास्टर दोनों को निलंबित कर दिया।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा व्यवस्था में कुछ लोग अपने पद का गलत फायदा उठाकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
हालांकि, इस मामले में समय रहते उचित कदम उठाए गए, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर हो रहे नकारात्मक प्रभाव को रोका जा सके।
Author: samachar
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