अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
देवरिया। महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लार में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत सफाई की गई, जिसका उद्देश्य जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना था। हालांकि, यह अभियान सिर्फ सफाई तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि पार्टी के भीतर भी सफाई की आवश्यकता है, खासकर उन अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच जिनके विचारधारा समाजवादी रही है।
पार्टी के कार्यकर्ता जनता को स्वच्छता के महत्व से अवगत तो कराएंगे, लेकिन असली चुनौती पार्टी के भीतर मौजूद उन व्यक्तियों से है जो अब भी पुरानी विचारधारा से जुड़े हैं और उसी के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। ऐसे लोगों की मौजूदगी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं के मनोबल को गिराने का काम कर रही है। जब भाजपा सत्ता में नहीं थी, तब भी इसके मूल कार्यकर्ता अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित थे, और आज भी वह उसी समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं। लेकिन अब, सत्ता में आने के बाद, कुछ ऐसे लोग जो बाहर से आए हैं और जो अभी भी पुरानी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, वे प्रशासन के सहारे भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं का दमन कर रहे हैं।
यह स्थिति न केवल पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल को प्रभावित कर रही है, बल्कि इससे पार्टी की छवि और भविष्य भी खतरे में है। जो लोग बाहर से आए हैं, वे सरकार जाते ही पार्टी से दूर भाग जाएंगे, लेकिन भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता वहीं रहेंगे, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो।
इसलिए, अभी भी समय है कि पार्टी अपनी प्राथमिकता जनता, विचारधारा और कार्यकर्ताओं के प्रति समर्पण पर केंद्रित करे। यदि ऐसा नहीं होता, तो परिणामस्वरूप पार्टी के लिए नुकसान निश्चित है, और तब सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."