रघु यादव मस्तूरी की रिपोर्ट
बिलासपुर/मस्तूरी : छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने राज्य में लगातार बढ़ रहे उत्पीड़न और प्रशासन द्वारा अनदेखी के खिलाफ एकजुट होकर आगामी 2 अक्टूबर को एक विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है।
यह विरोध प्रदर्शन संयुक्त पत्रकार महासभा छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में आयोजित किया गया है। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा, स्वतंत्रता और सम्मान की मांग करना था, जो लंबे समय से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
पत्रकारों का उत्पीड़न बना गंभीर मुद्दा
छत्तीसगढ़ में बीते कुछ समय से पत्रकारों के उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पत्रकारों को बिना वजह परेशान किया जा रहा है, धमकियां दी जा रही हैं, और कई बार उनके खिलाफ फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है।
इसके बावजूद प्रशासन द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जो पत्रकार समुदाय में आक्रोश का कारण बना हुआ है। इसी आक्रोश को व्यक्त करने के लिए यह प्रदर्शन आयोजित किया गया।
गॉस मेमोरियल ग्राउंड में हजारों पत्रकार होंगे शामिल
यह विशाल प्रदर्शन रायपुर के गॉस मेमोरियल ग्राउंड, आकाशवाणी चौक में आयोजित किया जाएगा, जहां राज्य भर से हजारों की संख्या में पत्रकार जुटेंगे। विभिन्न पत्रकार संगठनों ने इस प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाने का वादा किया है, जिसमें छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ मस्तूरी के पत्रकार भी शामिल हैं।
इस मौके पर पत्रकारों ने अपने विचार साझा करते हुए राज्य में पत्रकारों के प्रति हो रहे अन्याय की कड़ी निंदा की।
मुख्य मांगें
प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने प्रशासन के सामने अपनी मुख्य मांगें रखीं, जिनमें शामिल हैं-
- पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कानून का निर्माण
- फर्जी मामलों में फंसाए गए पत्रकारों की जल्द रिहाई
- पत्रकारों को धमकाने या उत्पीड़न करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
- राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक वातावरण का निर्माण
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
पत्रकारों का कहना है कि उनकी सुरक्षा और स्वतंत्रता के मुद्दे पर प्रशासन की उदासीनता चिंता का विषय है। लगातार हो रहे उत्पीड़न और धमकियों के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा, जिससे पत्रकारों में असुरक्षा का माहौल बन रहा है।
पत्रकारों की एकजुटता
इस प्रदर्शन ने राज्य के पत्रकारों की एकजुटता और शक्ति को दिखाए जाने के प्रयास किए जाएंगे। विभिन्न जिलों और शहरों से आए पत्रकारों ने इस विशेष आयोजन में भाग लेने की सहमति देकर इस बात को साबित कर दिया कि पत्रकारिता पर किसी भी तरह के हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका कहना था कि पत्रकार समाज का चौथा स्तंभ है और इसकी स्वतंत्रता और सुरक्षा पर हमला, लोकतंत्र पर हमला है।
आगे की रणनीति
संयुक्त पत्रकार महासभा ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं करता है, तो आगे और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। पत्रकारों ने अपने संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करने तथा पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संगठित प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई।
यह प्रदर्शन पत्रकारों के सम्मान, अधिकारों और सुरक्षा की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार कल्याण संघ मस्तूरी के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला, आशिफ इकबाल, गोविंद शर्मा, बिडी निजामी, कुमार जितेंद्र, आदित्य कुमार, डीपी गोस्वामी, विजय लाडंगे, महेश तिवारी, राधेश्याम कोरी, संतोष साहू ने महासभा के इस अभियान में शामिल होने और अपना समर्थन देने की घोषणा की।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."