Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 2:14 am

लेटेस्ट न्यूज़

4 जिलों की पुलिस फोर्स, 32 घंटे की मेहनत और करीब 1 लाख लीटर पानी…तब काबू में आई भडकी आग

12 पाठकों ने अब तक पढा

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

लखनऊ के लाटूश रोड पर स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान में गुरुवार सुबह करीब 9 बजे भयानक आग लग गई, जिसे पूरी तरह बुझाने में 32 घंटे लग गए। शुक्रवार शाम 5 बजे के बाद आग पर काबू पाया जा सका। दुकान में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान होने के कारण आग बुझाने में फायर ब्रिगेड को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आग की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे बुझाने के लिए एक लाख लीटर से ज्यादा पानी का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा, फायर ब्रिगेड और NDRF की टीमों ने लगातार प्रयास कर हालात पर नियंत्रण पाया।

तीन मंजिला इमारत के ऊपर टीनशेड डालकर एक गोदाम बनाया गया था, जहां से आग की शुरुआत हुई। धीरे-धीरे आग इमारत के दो मंजिला बेसमेंट में स्थित गोदामों और ग्राउंड फ्लोर की दुकानों तक फैल गई। जब आग भड़कनी शुरू हुई, तो ऊपर की मंजिलों पर रहने वाले कारोबारी संजय जायसवाल अपने परिवार के साथ किसी तरह से बचकर निकलने में कामयाब हुए।

फायर ब्रिगेड के पहुंचने तक आग ने पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया था। अनुमान है कि इस हादसे में करोड़ों का नुकसान हुआ है। आग को बुझाने में इसलिए भी परेशानी हुई क्योंकि गोदाम में प्लास्टिक, गत्ता, रबर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामान रखा था। अधिकारियों के मुताबिक, आग पूरी तरह से तभी बुझाई जा सकी जब सारा सामान बाहर निकाला गया।

आग लगने की वजह से आसपास की दुकानों को भी बंद करना पड़ा। कारोबारी संजय जायसवाल का कहना है कि उन्होंने दीपावली के लिए बड़ी मात्रा में बिजली के सजावटी सामान मंगवाए थे, जो इस आग में जलकर खाक हो गए। आग की भयावहता इतनी ज्यादा थी कि लखनऊ के फायर विभाग को बाराबंकी, सीतापुर, रायबरेली और हरदोई से मदद मांगनी पड़ी।

इस भयानक आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड को सात जगहों से दीवार तोड़नी पड़ी, ताकि आग पर पानी की बौछार की जा सके। फायर ब्रिगेड के करीब 50 कर्मी इस अभियान में जुटे रहे। टीम के सदस्यों ने बताया कि सबसे ज्यादा कठिनाई बेसमेंट में लगी आग को बुझाने में आई, जहां हर तरफ पिघला हुआ प्लास्टिक फैला हुआ था और धुएं के कारण कुछ देर भी वहां रुक पाना मुश्किल हो रहा था।

आग की चपेट में आकर लाटूश रोड और अमीनाबाद क्षेत्र की लगभग 5000 दुकानें भी खतरे में पड़ गई थीं। इस इलाके में संकरी गलियों के बीच अनियमित रूप से बनीं इमारतें हैं, जिनमें आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इसके अलावा, इन गलियों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का पहुंच पाना भी मुश्किल है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़