मधुबाला नायक की रिपोर्ट
राहुल गांधी ने हाल ही में जम्मू कश्मीर में एक चुनाव सभा के दौरान ऐसे कुछ बयान दिए हैं, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गए हैं। उन्होंने अपने भाषण में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी।
जम्मू कश्मीर में चुनावी सभा में बयान
राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को न्याय और अधिकार दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “जीके टेक्नोलॉजी” पर भी सवाल उठाए। उन्होंने यह दावा किया कि मोदी सरकार द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटर को हटाया जाएगा, क्योंकि ये स्थानीय लोगों के लिए लाभदायक नहीं हैं। इसके बजाय, उन्होंने कश्मीरी पंडितों और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) से आए शरणार्थियों के लिए किए गए वादों को पूरा करने की बात की।
प्रधानमंत्री का सीधा कनेक्शन
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में यह भी कहा कि उनका “सीधा कनेक्शन ऊपर है” और वे “भगवान से बात करते हैं।” उन्होंने यह संकेत दिया कि मोदी की सरकार का ध्यान अधिकतर बाहर के लोगों की तरफ है, जबकि जम्मू कश्मीर की जनता को दरकिनार किया जा रहा है। उनका कहना था कि जम्मू कश्मीर के प्रशासन में लेफ्टिनेंट गवर्नर की भूमिका के कारण स्थानीय लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है।
स्थानीय व्यवसायों पर आक्रमण
राहुल गांधी ने यह भी उल्लेख किया कि जम्मू कश्मीर में छोटे और मध्यम व्यवसायों पर एक प्रकार का आक्रमण हो रहा है, जो अन्य देशों में भी देखा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार केवल अरबपतियों जैसे अडानी और अंबानी के लिए काम कर रही है। उन्होंने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को एक “हथियार” बताया, जिसका इस्तेमाल छोटे व्यवसायों पर हमला करने के लिए किया जा रहा है।
राहुल गांधी के ये बयान राजनीतिक संवेदनाओं को छूते हुए स्थानीय जनता की आवाज उठाने का प्रयास करते हैं।
उनका यह कहना कि बाहर के लोग जम्मू कश्मीर की पहचान और संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, ने उनकी बातों को और अधिक महत्व दिया है।
इन बयानों ने न केवल राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, बल्कि जम्मू कश्मीर के भविष्य और स्थानीय जनजीवन पर भी सवाल खड़े किए हैं।
Author: samachar
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