ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ में 7 अगस्त, 2024 को चारबाग रेलवे स्टेशन से एक दो साल का बच्चा चोरी हो गया। चोर बच्चे को अपने घर ले गया और उसे 30 हजार रुपये में बेचने का सौदा भी कर लिया। हालांकि, चोर की पत्नी बच्चे से इतनी भावनात्मक रूप से जुड़ गई कि बच्चा भी उसके साथ घुलमिल गया और खरीदारों के साथ जाने से इंकार कर दिया। इस घटना के बाद, खरीदारों ने जब देखा कि बच्चा उन्हें नहीं मिला, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी। इसके बाद चाइल्ड लाइन ने पुलिस के साथ मिलकर बच्चे को बरामद कर लिया और चोर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
यह घटना तब शुरू हुई जब कानपुर देहात के रसूलाबाद की निवासी रुचि उर्फ राधा, जो अपने पति चंद्रपाल यादव से झगड़ा करके अपने तीन साल की बेटी अर्पिता और दो साल के बेटे कार्तिक के साथ लखनऊ आई थी। चारबाग स्टेशन से उसका बेटा कार्तिक लापता हो गया। इस पर रुचि ने चारबाग रेलवे पुलिस को बच्चा चोरी की सूचना दी। पुलिस ने उसका फोन नंबर लिया और उसे घर लौटने को कहा। रुचि घर लौटकर अपने पति को घटना की सूचना देने की बजाय यह बताया कि उसने बच्चे को मायके में छोड़ दिया।
बाद में चंद्रपाल को किसी तरह बेटे के चोरी होने की जानकारी हुई, और वह 13 अगस्त को चारबाग आरपीएफ पहुंचा, लेकिन वहां से भी उसे कोई जानकारी नहीं मिली।
वायरल फोटो के जरिए इस मामले में महत्वपूर्ण मोड़ आया। 9 अगस्त को जहांगीराबाद पुलिस को बाराबंकी के चचेरुआ गांव में एक घर में चोरी किए गए बच्चे की सूचना मिली।
जहांगीराबाद थाने की एसएचओ गीता द्विवेदी ने तुरंत चाइल्ड लाइन के साथ मिलकर उस घर पर छापा मारा और बच्चे को बरामद कर लिया। पुलिस ने राजेश नामक व्यक्ति को, जिसने बच्चे को चुराया था, गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
चाइल्ड लाइन ने बच्चे की फोटो को वायरल कर दिया, जो बाद में कानपुर देहात में उसके असली मां-बाप तक पहुंच गई। इसके बाद, बच्चे के माता-पिता ने पुलिस से संपर्क किया, और 17 सितंबर को चाइल्ड लाइन ने बच्चे को उसके असली माता-पिता को सौंप दिया।
इस पूरे घटनाक्रम में यह भी सामने आया कि चोर की पत्नी बच्चे को अपने पास रखना चाहती थी, क्योंकि बच्चा उससे इतना घुलमिल गया था कि उसे अपनी मां समझने लगा था।
जब बच्चा खरीदारों के साथ जाने को तैयार नहीं हुआ, तो चोर की पत्नी ने उसे पालने का फैसला कर लिया। जब खरीदारों को बच्चा नहीं मिला, तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की, जिससे यह मामला उजागर हो गया।
बच्चे के पिता चंद्रपाल यादव ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए बताया कि उन्हें लगा था कि अब वह अपने बेटे को कभी नहीं देख पाएंगे। जब बच्चे की फोटो अखबार में देखी, तो उनकी उम्मीदें फिर से जाग उठीं।
चाइल्ड लाइन से संपर्क करने पर उनसे बच्चे से संबंधित कागजात मांगे गए, और पांच दिन बाद जब बच्चा मिला, तो उनके घर की रौनक लौट आई।
यह भी उल्लेखनीय है कि 12 अगस्त को एक और बच्चा, जो मात्र छह महीने का था, लखनऊ स्टेशन से चोरी हो गया था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी महिला को गिरफ्तार कर बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया था।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."