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November 1, 2024 4:58 pm

कब्रिस्तान से निकला नकली नोट बनाने का सामान, मदरसे की आड़ में मौलाना की अंतर्राष्ट्रीय साजिश… हिल गई पुलिस भी

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

प्रयागराज के एक मदरसे में नकली नोट छापने का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें मोहम्मद जाहिर का नाम प्रमुखता से उभर कर आया है। जाहिर बांग्लादेश के दो संगठनों के संपर्क में था, और जांच के दौरान यह पता चला है कि ओडिशा में रहते समय वह बांग्लादेश के मौलानाओं से जुड़ा था। उसकी इंटरनेट सर्च हिस्ट्री में कई बांग्लादेशी स्थानों की जानकारी पाई गई है, जिनकी जांच की जा रही है।

इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को रिमांड पर लिया है, जिनमें से एक मौलवी भी शामिल है। इन सभी पर बच्चों का मानसिक रूप से प्रभावित करने और विवादित किताबें रखने के आरोप लगाए गए हैं।

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इनसे सात घंटे तक गहन पूछताछ की, जिसमें विदेशी फंडिंग और आतंकवादी संगठनों से जुड़े सवाल भी शामिल थे।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूल किया कि दरियाबाद स्थित कब्रिस्तान के पास नकली नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाला कागज छिपाया गया था। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर वहां से दो बंडल कागज बरामद किए, जिनका उपयोग लगभग तीन लाख रुपये के नकली नोट छापने के लिए किया जाने वाला था।

मौलवी तफसीरुल आरीफीन ने पूछताछ में खुलासा किया कि नकली नोट छापने की योजना पहले से ही बनाई जा चुकी थी, और इस काम के लिए आवश्यक सामग्री दरियाबाद के कब्रिस्तान के पास छिपाई गई थी। इसके अलावा, उनकी चैट्स से भी नकली नोट छापने की योजना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिली हैं।

पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से बांग्लादेश के मौलानाओं के संपर्क में थे और उनसे नकली नोट छापने के तरीकों पर चर्चा करते थे।

सभी आरोपियों के मोबाइल फोन अब पुलिस की जांच के अधीन हैं, और फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की मदद से इनसे डेटा रिकवर किया जा रहा है। कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें मदरसे के अंदर नकली करेंसी बनाने की योजना बनाते हुए आरोपी दिखाई दे रहे हैं।

मौलवी तफसीरुल ने एक विवादित किताब का जिक्र किया जिसमें RSS को आतंकवादी संगठन बताया गया है। उन्होंने कहा कि यह किताब ऑनलाइन उपलब्ध है और कोई भी इसे खरीद सकता है।

इस पूरे मामले ने अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और आतंकवादी फंडिंग की ओर इशारा किया है। सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान अब इस बात पर है कि इस गिरोह के और कितने सदस्य शामिल हो सकते हैं, और इनके विदेशी संपर्कों की गहनता से जांच की जा रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."