Explore

Search
Close this search box.

Search

December 12, 2024 7:43 am

लेटेस्ट न्यूज़

निमंत्रण नहीं मिला तो क्या कुछ… निरहुआ फिर भी महोत्सव में शामिल होने आए… पढिए क्या क्या कहा 👇

30 पाठकों ने अब तक पढा

जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़। पूर्व सांसद और भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव, जिन्हें निरहुआ के नाम से जाना जाता है, आजमगढ़ महोत्सव में शामिल होने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस महोत्सव का कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला, लेकिन आजमगढ़ के विकास के लिए वह इसमें भाग लेने को तैयार हैं।

हरिऔध कला केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने हाल ही में यह आरोप लगाया था कि उन्हें और अन्य समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों को डर के कारण निमंत्रण नहीं दिया गया। इस पर निरहुआ ने कहा कि उन्हें भी निमंत्रण नहीं मिला, लेकिन आजमगढ़ के कामों की सराहना करने में वह पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले डीएम ने उन्हें पहले जानकारी दी थी कि एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन से औपचारिक निमंत्रण नहीं आया। निरहुआ ने बताया कि वह हाल ही में जौनपुर में अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे और अब शूटिंग खत्म होने पर आजमगढ़ आए हैं।

रेलवे लाइन के संबंध में धर्मेंद्र यादव के आरोपों पर उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है। जब बजट आएगा, तब सभी को इस विषय में जानकारी मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि धर्मेंद्र यादव ने संसद में इस विषय पर प्रश्न पूछा था, जिसका उत्तर रेल मंत्री ने दिया था।

चुनाव की बात करते हुए निरहुआ ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के चुनाव में पार्टी के आदेश पर लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन विधानसभा के चुनाव में भाग लेने का समय नहीं है क्योंकि वह फिल्म की शूटिंग में व्यस्त रहते हैं।

अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच मठाधीश और माफिया पर चल रही बयानबाजी पर निरहुआ ने कहा कि हर किसी का अपना दृष्टिकोण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की छवि को सुधारने का काम किया है, जबकि अखिलेश यादव मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं, जिससे वह हिंदू और सनातन के विरोध में खड़े होते हैं।

इस प्रकार, निरहुआ ने आजमगढ़ के विकास और राजनीतिक स्थिति पर अपने विचार स्पष्ट किए।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़