चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
एडवोकेट अरितेश सिंह (बदला हुआ नाम) एक सामान्य दिन की तरह अपने चैंबर में काम कर रहे थे, जब उन्हें अचानक मोबाइल पर एक नोटिफिकेशन मिला।
यह नोटिफिकेशन एक डेटिंग ऐप से था, जिसमें उन्हें “राइट स्वाइप” मिला था। अरितेश ने जब देखा कि यह स्वाइप नैंसी खान नाम की एक लड़की से था, तो उन्होंने भी उसे जवाब दिया।
इसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई, और धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती बढ़ने लगी। नैंसी ने अरितेश के साथ करीबी बढ़ाते हुए मिलने का प्रस्ताव रखा, जिसे अरितेश ने स्वीकार कर लिया।
मुलाकात की योजना के तहत नैंसी ने अरितेश को एक होटल में मिलने बुलाया। अरितेश तय समय पर होटल पहुंचे और दोनों पहले से बुक किए गए कमरे में चले गए।
कुछ समय के बाद नैंसी ने कहा कि उसे कुछ जरूरी काम है और वह थोड़ी देर में वापस आएगी। जाते समय वह अरितेश की गाड़ी की चाभी भी साथ ले गई। अरितेश ने काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन जब नैंसी नहीं लौटी, तो उन्होंने उसे फोन किया। फोन उठाने पर नैंसी ने जो कहा, उससे अरितेश स्तब्ध रह गए।
नैंसी ने होटल रूम में छिपे हुए कैमरे से अरितेश का अश्लील वीडियो बना लिया था। अब वह उस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर 5 लाख रुपये की मांग कर रही थी। इसके अलावा, उसने अरितेश की गाड़ी भी अपने पास रखी थी।
नैंसी ने पैसे देने के लिए अरितेश को कानपुर आने का निर्देश दिया। अरितेश इस पूरी स्थिति से बहुत परेशान हो गए।
एक तरफ उनकी गाड़ी और वीडियो नैंसी के पास थे, दूसरी ओर उन्हें अपनी प्रतिष्ठा खोने का डर सता रहा था। आखिरकार उन्होंने इस मामले को पुलिस के पास ले जाने का फैसला किया।
कानपुर के किदवई नगर पुलिस थाने में अरितेश ने 13 सितंबर को इस मामले की शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने अरितेश की बातों को सुनने के बाद समझ लिया कि नैंसी इस धोखाधड़ी में अकेली नहीं है, बल्कि एक पूरा गैंग इसमें शामिल है।
पुलिस ने एक योजना बनाई और अरितेश को निर्देश दिया कि वे नैंसी के बताए स्थान पर मिलने जाएं। नैंसी ने उन्हें कानपुर के बरगदिया इलाके में बुलाया था, और अरितेश वहां पहुंचे।
जैसे ही अरितेश ने नैंसी और उसके साथियों से मुलाकात की, उन्होंने इशारा किया, और आसपास छिपी पुलिस की टीम ने उन तीनों को पकड़ लिया।
गिरफ़्तार किए गए लोगों में नैंसी के अलावा 23 वर्षीय तनु, 25 वर्षीय सौरभ, और 26 वर्षीय संजोग जायसवाल शामिल थे।
पुलिस ने पता लगाया कि यह एक हनीट्रैप गैंग था, जो पिछले कई महीनों से सक्रिय था। तनु ने कई फर्जी प्रोफाइल बना रखे थे और डेटिंग ऐप्स के माध्यम से लोगों को फंसाकर उनका वीडियो बनाती थी। इसके बाद, वह अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़ित से पैसे की मांग करती थी।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस गैंग ने अब तक कितने लोगों को अपने जाल में फंसाया है।
Author: samachar
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