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23 February 2025 2:40 pm

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….मेहनाज ने पैर पकड़े, सद्दाम ने काटा सिर……. जुर्म का ऐसा खौफनाक मंजर.. रुह कांप उठती है

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

तारीख 11 सितंबर 2024, दोपहर का वक्त और जगह यूपी के मुरादाबाद में बिलारी शहर का सैफनी इलाका। पुलिस को खबर मिलती है कि यहां बैरुआ पुल के पास गन्ने के खेतों में एक सिर कटी लाश पड़ी है। तुरंत पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंचती हैं। लाश के ऊपर एक भी कपड़ा नहीं था। धड़ के ऊपर से सिर भी गायब था।

आसपास के थानों में सूचना भेजी गई तो पता चलता है कि बिलारी थाने में आज सुबह ही एक युवक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। शिकायत दर्ज कराने वालों को मौके पर बुलाया जाता है, तो लाश की शिनाख्त हो जाती है। ये लाश बिलारी में गढ़ी रुस्तमनगर सहसपुर इलाके के रहने वाले सोनू की थी। परिजनों ने कद काठी के आधार पर उसे पहचान लिया।

सोनू 9 सितंबर की शाम 7 बजे घर से निकला था और इसके बाद वापस नहीं लौटा। 11 सितंबर को परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और दोपहर को उसकी सिर कटी लाश मिली। मामला बेहद संगीन था।

पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की तो सोनू के पिता साबिर ने बताया कि उनके बेटे का प्रेम प्रसंग मेहनाज नाम की एक लड़की के साथ था। मेहनाज सैफनी इलाके में रहती है और वहीं पर सोनू की ननिहाल है।

पुलिस की एक टीम तुरंत सैफनी के लिए निकलती है और कुछ ही देर में मेहनाज और उसके भाई सद्दाम को थाने ले आती है। पूछताछ होती है तो मेहनाज और सद्दाम अपना गुनाह कबूल करते हुए, उस खौफनाक सच्चाई का खुलासा करते हैं, जिसे सुनकर हर किसी की रूह कांप जाती है।

सोनू से मुलाकात और मोबाइल में निजी तस्वीरें

सोनू का कत्ल मेहनाज, उसके भाई सद्दाम और एक दोस्त रिजवान ने मिलकर किया था। मेहनाज और सोनू एक दूसरे से प्यार करते थे। फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि मेहनाज ने सोनू को मौत की नींद सुला दिया। 

पुलिस के मुताबिक, मेहनाज थांवला इलाके में स्थित एक संस्थान से आईटीआई कर रही थी। इसके साथ ही वो यूपी पुलिस में सिपाही भर्ती की तैयारी भी कर रही थी। लिखित परीक्षा हो चुकी थी और रिजल्ट का इंतजार था। इसी दौरान एक दिन उसकी मुलाकात सोनू से हुई। 

दोनों के बीच जान-पहचान बढ़ी और धीरे-धीरे प्रेम-संबंधों में बदल गई। मेहनाज से मिलने के लिए सोनू अब जल्दी-जल्दी अपनी ननिहाल आने लगा था। एक दिन जब मेहनाज उसके साथ बैठी थी तो उसने अपने मोबाइल से दोनों के कुछ फोटो ले लिए।

बदनामी का डर और कत्ल का प्लान

अब सोनू मेहनाज पर दबाव बनाने लगा कि वो उसके साथ घूमने कहीं बाहर चले। मेहनाज ने जब मना किया तो सोनू ने धमकी दी कि अगर उसने बात नहीं मानी तो वो उन दोनों की निजी तस्वीरें वायरल कर देगा। 

धमकी से परेशान मेहनाज ने धीरे-धीरे उससे दूरी बनाना शुरू कर दिया। ऐसे में सोनू ने अपने कुछ रिश्तेदारों को मेहनाज के साथ उसकी तस्वीरें दिखा दीं और कहा कि वो उससे शादी करना चाहता है। मेहनाज को जब इस बात का पता चला तो वो परेशान रहने लगी। उसे इलाके में अपनी बदनामी का डर सताने लगा।

एक दिन मेहनाज के भाई सद्दाम ने जब उसे रोते हुए देखा तो वजह पूछी। मेहनाज ने सबकुछ अपने भाई को बता दिया। इसके बाद इन दोनों ने तय किया कि सोनू को रास्ते से हटाकर इस मुश्किल से हमेशा के लिए छुटकारा पा लिया जाए।

इस प्लान में सद्दाम ने अपने एक दोस्त रिजवान को भी शामिल कर लिया। प्लान के मुताबिक, 9 सितंबर की शाम को मेहनाज ने सोनू को मिलने के लिए बैरुआ पुल पर बुलाया। तय वक्त पर सोनू पहुंच गया और मेहनाज उसे बातचीत करने के लिए कच्चे रास्ते से गन्ने के खेतों में ले आई। यहां सद्दाम और रिजवान पहले से छिपे बैठे थे। तीनों ने सोनू को दबोच लिया और खेत में गिराकर उसके पैर रस्सी से बांध दिए। अब मेहनाज ने सोनू के पैर पकड़े और रिजवान ने उसके हाथ। सद्दाम ने छुरी निकाली और सोनू का गला काट दिया। वो तब तक छुरी चलाता रहा, जब तक सोनू का सिर कटकर अलग नहीं हो गया। सोनू का सिर काटते वक्त सद्दाम ने कहा कि तेरी वजह से हम दोनों बहन-भाई परेशान थे, अब हमें सुकून मिलेगा।

तीनों ने मौके पर ही बदले खून से सने कपड़े

इसके बाद इन तीनों ने सोनू के शरीर से उसके सारे कपड़े उतारे और पेट्रोल डालकर उनमें आग लगा दी। इनका मकसद था कि किसी भी तरीके से लाश की पहचान ना हो पाए। अब मेहनाज, सद्दाम और रिजवान ने अपने खून से सने कपड़े उताकर उन्हें भी जला दिया। 

कपड़े बदलकर तीनों ने सोनू के कटे हुए सिर और छुरी को प्लास्टिक की एक थैली में डाला और करीब दो किलोमीटर दूर जाकर फेंक दिया। सद्दाम ने सोनू और मेहनाज के मोबाइल भी तोड़कर रास्ते में ही फेंक दिए। 

मौके पर तीनों ने ऐसा कोई सबूत नहीं छोड़ा, जिससे वो पकड़े जाएं। हालांकि, पुलिस पूछताछ में सद्दाम और मेहनाज टूट गए और उन्होंने सबकुछ बयां कर दिया। पुलिस ने तीनों पर हत्या से संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेज दिया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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