हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने राज्य के कई जिलों में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। राज्य में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना को देखते हुए प्रशासन और जनता को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से, अलकनंदा नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा होने की आशंका है।
आईएमडी के बुलेटिन में यह स्पष्ट किया गया है कि उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सप्ताह के अंत तक अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। इसका मुख्य कारण उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बना गहरे दबाव का क्षेत्र है, जो दक्षिणी उत्तराखंड में तीव्र संवहन (गंभीर वायुमंडलीय गतिविधियां) उत्पन्न कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप, राज्य में भारी बारिश और बिखरे हुए या टूटे हुए बादलों की संभावना बढ़ गई है।
इस खराब मौसम की वजह से उत्तराखंड की कई महत्वपूर्ण सड़कें बंद हो गई हैं। विशेष रूप से, शेरनाला क्षेत्र में अत्यधिक जल प्रवाह के कारण हल्द्वानी-सितारगंज मार्ग को बंद कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने निवासियों और यात्रियों से अपील की है कि वे वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें और तभी यात्रा करें जब यह अत्यंत आवश्यक हो।
चमोली जिले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है, जिसके चलते यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। गौचर, नंदप्रयाग और छिनका जैसे क्षेत्रों में भारी भूस्खलन और सड़क अवरोध के कारण मार्ग बंद हैं। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर यह सूचना दी गई है और यात्रियों को स्थिति सामान्य होने तक इस मार्ग से बचने की सलाह दी गई है।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क हैं और राहत कार्यों के लिए तैयार हैं। जनता से अपील की जा रही है कि वे सावधानी बरतें और आपातकालीन सेवाओं की मदद लें।
Author: samachar
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