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November 22, 2024 6:32 am

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राहगीर की सूझबूझ से एक और बेटी दहेज की आग में झुलसने से बची

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़/फूलपुर : एक तरफ जहाँ प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री ‘बेटी बचाओ’ का अभियान चला रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दहेज की लालच में बहुओं को प्रताड़ित करने वाले लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। 

ऐसा ही एक दर्दनाक मामला आजमगढ़ की एक बेटी के साथ घटित हुआ, जिसकी शादी कुछ साल पहले प्रयागराज के फूलपुर कस्बे में हुई थी। लड़की के माता-पिता ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार गृहस्थी का सारा सामान देकर उसकी शादी कर दी थी और शुरुआत में वह अपनी ससुराल में खुशहाल जीवन बिता रही थी।

हालांकि, कुछ समय बाद लड़की के पिता का निधन हो गया, और इसके बाद ससुराल वालों ने अपना असली रूप दिखाना शुरू कर दिया। लड़की की सौतेली सास अरशिया शफक़, सौतेली ननद अलीजा प्रवीन, और ससुर महशर ने मिलकर उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। 

आए दिन उसे मारा-पीटा जाता और उस पर अपने मायके से पैसे लाने का दबाव बनाया जाने लगा। कभी 20,000 रुपये, तो कभी 50,000 रुपये की मांग की जाती। मजबूर होकर लड़की हाथ-पैर जोड़कर विनती करती, लेकिन ससुराल वालों पर इसका कोई असर नहीं होता था।

एक दिन, ससुराल वालों ने मौका देखकर आपस में साजिश की और बहू को बेरहमी से मारने-पीटने लगे। लड़की की हालत इतनी खराब हो गई कि वह अधमरी हो गई। तभी एक राहगीर ने घर से चीखने-चिल्लाने की आवाज़ सुनी और किसी अनहोनी की आशंका में तुरंत घर के अंदर घुस गया। उसने देखा कि लड़की को बुरी तरह पीटा जा रहा है। राहगीर ने साहस दिखाते हुए लड़की को बचाया और उससे संपर्क नंबर लेकर उसके मायके वालों को खबर दी।

लड़की के मायके वाले तुरंत पहुंचे और अपनी बेटी को ससुराल से वापस अपने घर ले आए। उन्होंने ससुराल वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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